
India to buy weapons from US (Photo - Patrika Graphics)
भारत (India) और अमेरिका (United States Of America) के बीच संबंधों में खटपट के बावजूद डिफेंस पार्टनरशिप (Defense Partnership) में अभी भी मज़बूती बनी हुई है। दोनों देश पिछले कई साल से डिफेंस पार्टनर्स हैं। पिछले महीने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अमेरिकी रक्षा मंत्री (युद्ध सचिव) पीट हेग्सेथ (Pete Hegseth) की मुलाकात की और दोनों देशों के बीच 10 साल के डिफेंस फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर किए। अब भारत ने इस पार्टनरशिप के तहत अमेरिका से बड़ी मात्रा में हथियार खरीदने का फैसला लिया है।
भारत 93 मिलियन डॉलर्स (करीब 825 करोड़ रूपए) के अमेरिकी हथियार खरीदेगा। अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत के साथ हथियारों की इस डील को ग्रीन सिग्नल दे दिया है। डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी ने इस बारे में अमेरिकी कांग्रेस को आधिकारिक सूचना दी।
भारत जो अमेरिकी हथियार खरीदेगा उनमें जेवलिन मिसाइल सिस्टम अहम है। इसमें 100 जेवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, 25 लाइटवेट कमांड लॉन्च यूनिट्स, एक 'फ्लाई-टू-बाय' राउंड, ट्रेनिंग असिस्टेंस, सिमुलेशन राउंड्स, स्पेयर पार्ट्स और लाइफटाइम सपोर्ट शामिल हैं। इसके अलावा भारत, अमेरिका से एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल्स भी खरीदेगा। इसमें संबंधित फायर-कंट्रोल कंपोनेंट्स, प्रोपेलेंट्स, टेक्निकल असिस्टेंस और लॉजिस्टिकल सपोर्ट शामिल हैं।
भारत और अमेरिका के बीच हथियारों की इस डील से चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) की टेंशन बढ़ेगी। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही तनाव की स्थिति जगजाहिर है। ऐसे में अगर बॉर्डर पर पाकिस्तान ने कोई साजिश करने की कोशिश की, तो भारत इन हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। वहीं बॉर्डर पर भारत और चीन में पिछले कुछ समय में संबंधों में सुधार हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भारत के इन अमेरिकी हथियारों को खरीदने से चीन की टेंशन बढ़ेगी।
Updated on:
20 Nov 2025 11:25 am
Published on:
20 Nov 2025 11:09 am
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