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डोनाल्ड ट्रंप का सऊदी अरब में गर्मजोशी से स्वागत, प्रिंस सलमान ने दौड़ कर गले लगाया, मिडिल ईस्ट में नई हलचल

Donald Trump Saudi Arabia Visit: अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब से अपनी खाड़ी देशों की यात्रा की शुरुआत की, जहां क्राउन प्रिंस सलमान ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

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May 13, 2025
Donald Trump Saudi Arabia journey

Donald Trump Saudi Arabia Visit: अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) ने अपने दूसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा की सऊदी अरब (Saudi Arabia visit) से शुरुआत की, जहां रियाद में उनका भव्य स्वागत किया गया। एयरफोर्स वन जैसे ही सऊदी हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ, वहां की वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने उसे सुरक्षा प्रदान की। रियाद एयरपोर्ट पर खुद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (mohammed bin salman) ट्रंप से मिलने दौड़ते हुए पहुंचे और गर्मजोशी से गले मिले।

अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सऊदी अरब की यात्रा पर रियाद पहुंचे।

ट्रंप सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात का दौरा करेंगे

ट्रंप और मोहम्मद बिन सलमान दोनों ही बैंगनी कालीन पर चलते हुए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे, जहां पारंपरिक स्वागत की तैयारियां की गई थीं। इस दौरे में ट्रंप सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात का दौरा करेंगे और क्षेत्रीय संकटों, ऊर्जा मूल्य स्थिरता और सुरक्षा सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा (MBS Trump meeting) करेंगे।

बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई के नेता भी भाग लेंगे

सऊदी क्राउन प्रिंस की ओर से ट्रंप के सम्मान में एक विशेष रात्रिभोज आयोजित किया जाएगा, जिसमें खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सदस्य देशों - बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई के नेता भी भाग लेंगे।

क्यों अहम है ट्रंप की यह मिडिल ईस्ट यात्रा (Middle East diplomacy) ?

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नियंत्रण की रणनीति तय करना।

गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए संभावित समाधान तलाशना।

तेल की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए OPEC सहयोग पर चर्चा।

मिडिल ईस्ट में अमेरिका की मौजूदगी और भूमिका को फिर से स्थापित करना।

यह यात्रा उन्हें क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ नए सौदे करने का अवसर दे रही

ट्रंप हमेशा खुद को एक "डीलमेकर" के रूप में पेश करते हैं और यह यात्रा उन्हें क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ नए सौदे करने का अवसर दे रही है। यह भी उल्लेखनीय है कि अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने परंपरा तोड़ते हुए पहली विदेश यात्रा यूरोप के बजाय मिडिल ईस्ट से शुरू की थी। अब, फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद, वह इसी दिशा में कूटनीतिक संकेत दे रहे हैं।

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