अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने फेडरल रिजर्व की गवर्नर लिसा कुक को बर्खास्त करने का ऐलान किया है, लेकिन कुक ने पद छोड़ने से इनकार करते हुए कोर्ट जाने की धमकी दी है! ट्रम्प ने कुक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है, जबकि कुक का कहना है कि बर्खास्तगी का कोई कानूनी आधार नहीं है। यह टकराव अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक बाजारों पर गहरा असर डाल सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बड़े अफसर ने बगावत कर दी है। अधिकारी ने राष्ट्रपति को कोर्ट में घसीटने तक की बात कह दी है।
दरअसल, ट्रंप ने फेडरल रिजर्व (अमेरिका का केंद्रीय बैंक) की गवर्नर लिसा कुक को बर्खास्त करने की घोषणा है। उधर, कुक ने भी कह दिया है कि वह अपना पद नहीं छोड़ेंगी। साथ ही राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर करेंगी।
कुक ने कहा है कि कानून के तहत ऐसा कोई कारण नहीं है, जिससे उन्हें उनके पद से बर्खास्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि ट्रंप को उन्हें बिना वजह बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है।
बता दें कि ट्रंप ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया पर एक पत्र पोस्ट करते हुए कहा कि वह कुक को तुरंत हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कुक को बर्खास्त करने की वजह कदाचार व कर्तव्य की उपेक्षा बताई है।
ट्रंप ने लिखा कि अमेरिकी प्रशासन ने कुक पर फेड में शामिल होने से पहले 2021 में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मिशिगन के एक घर और अटलांटा के एक कॉन्डोमिनियम को अपना प्राथमिक निवास बताकर उस पर बंधक ऋण लेने की कोशिश की थी।
कुक की वकील एब्बे लोवेल ने मंगलवार को कहा कि बर्खास्त करने का कोई तथ्यात्मक या कानूनी आधार नहीं है। अब इस मामले को कोर्ट में देखा जाएगा। वहीं, कुक ने एक प्रवक्ता के माध्यम से कहा है कि वह 2022 से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मदद के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं।
उन्होंने पहले इन आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था, जो लगभग तीन साल पहले 2022 में फेड में शामिल होने से पहले उनके द्वारा लिए गए लोन से जुड़े हैं। लेकिन उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्हें सात सदस्यीय फेड बोर्ड से इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, जिस पर वह सेवा करने वाली पहली अश्वेत महिला हैं।
फिलहाल, इस मामले में फेडरल रिजर्व की प्रवक्ता ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। अगर यह बर्खास्तगी सफल रही, तो ट्रंप को फेड बोर्ड में सहयोगियों का बहुमत मिल सकता है। जिससे ब्याज दरें कम करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
फेडरल रिजर्व अमेरिका का केंद्रीय बैंक है, जो देश की मौद्रिक नीति को नियंत्रित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था को स्थिर और सुरक्षित बनाना है, जिसमें ब्याज दरों को नियंत्रित करना और वित्तीय संस्थाओं पर निगरानी रखना शामिल है।
फेडरल रिजर्व की नीतियों का न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर, बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजारों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। बता दें कि फेडरल रिजर्व पर व्हाइट हाउस का सीधा नियंत्रण नहीं है, क्योंकि यह एक स्वतंत्र एजेंसी है।