Foreign Students Facing Deportation in US: अमेरिका में भारतीय मूल के छात्र चिन्मय देवरे,चीन और नेपाल के तीन अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने गृह सुरक्षा विभाग पर मुकदमा दायर किया है।
Indian Student Chinmay deore: अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) की अप्रवासियों के खिलाफ बरती जा रही सख्ती का असर नजर आने लगा है। अमेरिकी (USA) आव्रजन अधिकारियों ने मिशिगन के वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में 21 वर्षीय कंप्यूटर साइंस स्नातक भारतीय छात्र (NRI News) चिन्मय देवरे (Chinmay Deore) को अचानक उनके F-1 छात्र का दर्जा समाप्त करने के बाद संभावित निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है। देवरे ने चीन ( China) और नेपाल के तीन अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों के साथ मिल कर होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) और आव्रजन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके F1 छात्र वीजा (F-1 Student Visa) को गैर कानूनी तरीके से और उचित स्पष्टीकरण के बिना रद्द कर दिया गया था। जानकारी के अनुसार मिशिगन का अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) इस मामले में उनका प्रतिनिधित्व कर रहा है।
चिन्मय देवरे पहली बार 2004 में अपने परिवार के साथ H-4 आश्रित वीज़ा पर अमेरिका पहुंचे थे। सन 2008 में थोड़े समय के लिए अमेरिका से चले जाने के बाद, परिवार 2014 में वापस लौट आया। उन्होंने मिशिगन में हाई स्कूल पूरा किया और 2021 में वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया।
मुकदमे में कहा गया है कि देवरे पर अमेरिका में कभी भी किसी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया या उसे दोषी नहीं ठहराया गया।" अलबत्ता एक तेज़ गति से गाड़ी चलाने के टिकट और पार्किंग जुर्माने केा जरूर हुआ था, लेकिन जिसका उसने तुरंत भुगतान किया था, इसके अलावा उसके खिलाफ कोई कानूनी या आव्रजन उल्लंघन नहीं है। उसने कैम्पस में किसी भी राजनीतिक विरोध प्रदर्शन में भी भाग नहीं लिया था
वेन स्टेट यूनिवर्सिटी से 4 अप्रैल के दिन देवरे को एक ईमेल मिला, जिसमें कहा गया था: "हमारा रिकॉर्ड दिखाता है कि आज सुबह आपका SEVIS समाप्त कर दिया गया है- समाप्ति का कारण: अन्यथा स्थिति बनाए रखने में विफल होना - आपराधिक रिकॉर्ड जांच में पहचाने गए व्यक्ति और/या उनका वीज़ा रद्द कर दिया गया है। SEVIS रिकॉर्ड समाप्त कर दिया गया है।" इसके बाद कोई और विवरण या आधिकारिक कम्युनिकेशन नहीं किया गया।
राज्य विभाग ने देवरे को वीज़ा रद्द के बारे में इत्तेला नहीं दी। इधर मास्टर डिग्री हासिल करने की उनकी योजना अब खटाई में है, और उन्हें अमेरिका में अपने परिवार से अलग होने की संभावना का सामना करना पड़ रहा है।
चीन के जियांगयुन बु मिशिगन विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के मास्टर छात्र हैं। चीन के ही किउई यांग, उसी विश्वविद्यालय के पर्यावरण और स्थिरता स्कूल में 26 वर्षीय पीएचडी उम्मीदवार हैं और पहले कॉर्नेल विश्वविद्यालय में अध्ययन कर चुके हैं। नेपाल के योगेश जोशी वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में 32 वर्षीय पीएचडी छात्र हैं, जो अपनी पत्नी और आठ महीने के अमेरिकी नागरिक बच्चे के साथ डेट्रायट में रहते हैं।
कोर्ट के केस के अनुसार मुकदमे में अदालत से इन छात्रों की स्थिति बहाल करने की मांग की गई है, ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और हिरासत और निर्वासन के जोखिम से बच सकें।