Hamas Ceasefire Conditions for Hostage Release: हमास के अमेरिका समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव पर सशर्त प्रतिक्रिया से संघर्ष विराम होने की संभावना बढ़ी है।
Hamas Ceasefire Conditions for Hostage Release: गाज़ा में जारी युद्ध को लेकर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। हमास ने शनिवार को संकेत दिया है(Hamas ceasefire proposal) कि यदि इजराइल युद्ध समाप्त करता है और अपनी सेनाएं पूरी तरह गाज़ा से हटा लेता है, तो वह 28 बंधकों की रिहाई पर सहमत (Hamas ceasefire conditions) हो सकता है। इनमें 10 जीवित और 18 मृत इजराइली नागरिक शामिल हैं। इस प्रस्ताव के तहत हमास ने पहली बार अमेरिका समर्थित युद्ध विराम योजना पर ‘सशर्त सकारात्मकता’ (Gaza hostage deal) दिखाई है, जबकि वह अब भी ‘स्थायी युद्ध विराम’ की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है।
इजराइल पहले ही अमेरिका की ओर से पेश किया युद्ध विराम प्रस्ताव स्वीकार कर चुका है, जो दो महीने तक संघर्ष रोकने और मानवीय सहायता बहाली की बात करता है। हालांकि, अब पूरा दारोमदार इस बात पर टिका हुआ है कि इजराइल हमास की प्रमुख मांग 'गाज़ा से सैन्य वापसी 'को किस तरह लेता है।
हमास ने शनिवार को दिए गए बयान में कहा कि वह अमेरिकी मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ के प्रस्तावों को सकारात्मक रूप से देखता है, लेकिन वह कुछ अहम संशोधनों की मांग कर रहा है। हमास के अनुसार, प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से युद्ध समाप्त करने और स्थायी शांति सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता होनी चाहिए।
हमास की योजना के अनुसार, वह 10 जीवित बंधकों को रिहा करेगा और 18 मृतकों के शव लौटाएगा, बदले में इजराइली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग करेगा।
हमास के ताज़ा बयान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय उम्मीद और शक के मिश्रण के साथ देखा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "बंधकों की रिहाई की पेशकश एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन शर्तों के स्वरूप से स्पष्ट है कि दोनों पक्ष अभी भी गहरे अविश्वास में डूबे हुए हैं।" इजराइली पॉलिटिकल कमेंटेटर योसेफ क्लाइन ने कहा, "हमास का ये प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय दबाव मोड़ने के लिए एक रणनीतिक चाल हो सकती है।"
इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका और मिस्र ने हमास और इजराइल के बीच मध्यस्थता तेज़ करने के लिए एक नया दौर शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, अगले 48 घंटे बहुत अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि इस दौरान कतर और मिस्र की भूमिका निर्णायक हो सकती है। इजराइल की प्रतिक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं-क्या वो गाज़ा से सैनिक हटाने की मांग पर झुकेगा या फिर यह प्रस्ताव भी बीते प्रयासों की तरह असफल रह जाएगा ?
हमास की ओर से “मृत और जीवित बंधकों” की एक साथ पेशकश करना संकेत देता है कि समूह केवल सैन्य या राजनीतिक नहीं, मनोवैज्ञानिक दबाव की रणनीति भी अपना रहा है। मृतकों के शव लौटाने का प्रस्ताव इजराइली समाज में गहरी संवेदना पैदा करता है, जो सरकार को त्वरित फैसला लेने के लिए बाध्य कर सकता है। वहीं, इजराइल अब तक हमास की मांगों को "अनरियलिस्टिक" कह कर खारिज करता आया है-लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच इस बार विकल्प सीमित हैं।
इधर, इजराइल ने वेस्ट बैंक के रामल्लाह में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मिलने जा रहे अरब देशों के विदेश मंत्रियों की यात्रा को रोक दिया। जॉर्डन, सऊदी अरब, मिस्र, बहरीन और अरब लीग के महासचिव के इस दौरे को इजराइली सरकार ने ‘अनुचित’ बताते हुए सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अनुमति नहीं दी। इस कदम की अरब जगत ने तीखी निंदा की है, और इसे फिलिस्तीन के प्रति बढ़ती उपेक्षा करार दिया है।
बहरहाल हमास के इस रुख से संघर्षविराम की दिशा में एक संभावना जरूर बनी है, लेकिन अभी भी वार्ता की बारीकियों पर धुंध छाई हुई है। अब इजराइल की प्रतिक्रिया ही तय करेगी कि यह प्रस्ताव आगे बढ़ेगा या नहीं।