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हायली गुब्बी ही नहीं, इस साल 50 से ज्यादा ज्वालामुखी फटे, और भी विस्फोट होने का खतरा बरकरार !

2025 Volcano Eruptions: 2025 में अब तक दुनिया भर में 50 से ज्यादा ज्वालामुखी फट चुके हैं, रिंग ऑफ फायर पूरी तरह सक्रिय है।

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Nov 27, 2025
ज्वालामुखी विस्फोट। (फोटो: X Handle/ Dragon Master Phoenix.)

2025 Volcano Eruptions: आग, बाढ़, भूकंप और ज्वालामुखी - इस साल दुनिया ने बहुत कुछ ऐसा देखा, जिसकी कोई कल्पना नहीं करना चाहता। हाल ही में इथियोपिया में 12 हजार साल बाद के हेली गुब्बी (Hayli Gubbi volcano) नामक ज्वालामुखी फटा, जिसकी राख ने भारत सहित दुनिया के हिस्सों को प्रभावित किया। हालांकि, यह इस साल होने वाला एकमात्र ज्वालामुखी विस्फोट नहीं था। सन 2025 (volcano eruptions in 2025) में 50 से ज्यादा ज्वालामुखी विस्फोट हुए हैं और आने वाले समय में कई अन्य विस्फोट होने की भी आशंका है।

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फटने वाला है यह ज्वालामुखी

यूएस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ओरेगान के तट से करीब 300 मील दूर पानी के नीचे मौजूद ज्वालामुखी एक्सियल सीमाउंट (The Axial Seamount) जल्द ही फट सकता है। यह ज्वालामुखी एक मील चौड़ा और समुद्र तल से 3600 फीट से अधिक ऊंचा है। आखिरी बार यह 2015 में फटा था और पिछले 800 सालों में इसमें 50 से अधिक विस्फोट हो चुके हैं। इन ज्वालामुखीय गतिविधियों की वजह है रिंग ऑफ फायर।

क्या है रिंग ऑफ फायर ? (Ring of Fire activity)

रिपोर्ट में नेशनल ओशेनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के हवाले से बताया गया है कि रिंग ऑफ फायर प्रशांत महासागर के चारों ओर एक घोड़े की नाल के आकार का क्षेत्र है। लगभग 25,000 मील लंबे इस क्षेत्र में 450 से अधिक ज्वालामुखी हैं। यह रिंग न्यूजीलैंड से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया, जापान, उत्तरी एवं दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप और दक्षिण में अंटार्कटिका तक फैली हुई है। हर चार में से तीन जिंदा ज्वालामुखी इसी क्षेत्र में पाए जाते हैं।

क्यों होता है विस्फोट ? (Ring of Fire news Hindi)

रिंग ऑफ फायर टेक्टोनिक्स प्लेटस का परिणाम हैं। इन प्लेटों के आपस में टकराने, भारी प्लेटों के हल्की प्लेटों के नीचे खिसकने से चट्टानें गर्म होकर पिघल सकती हैं और मैग्मा बन सकता है। विस्फोट के साथ सतह पर आने वाले इस मैग्मा को लावा कहा जाता है।

यहां बीच-बीच में हो रहे विस्फोट (active volcanoes 2025)

अमेरिकी राज्य हवाई के किलाउआ (Kilauea) ज्वालामुखी में रुक-रुक कर विस्फोट हो रहे हैं। ज्वालामुखी के सबसे ऊपरी क्रेटर से 11 फरवरी और फिर 20 फरवरी, 2025 को लावा निकला था। लावा का फव्वारा करीब 60 से 400 फीट ऊपर तक दिखाई दिया था। इसी तरह, यूरोप का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी माउंट एटना (Mount Etna) भी रिस रहा है। इसमें पहले 8 और फिर 11 फरवरी को विस्फोट हुआ था। इस ज्वालामुखी के एक बार फिर फटने की आशंका जताई जा रही है।

इन देशों को ज्यादा खतरा ? (Active volcanoes)

रिंग ऑफ फायर में टेक्टोनिक्स प्लेटस की सीमाओं से नजदीक होने के चलते एक दर्जन से अधिक देशों में ज्वालामुखीय गतिविधियां अक्सर होती रहती हैं। इसके परिणाम स्वरूप सामान्य से ज्यादा भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं होती हैं। स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के अनुसार, इंडोनेशिया में सबसे पुराने व ज़्यादा 109 एक्टिव ज्वालामुखी हैं। इसके बाद जापान (44) और फिर अमेरिका (42) का नंबर आता है। जबकि रूस में करीब 33 एक्टिव ज्वालामुखी हैं।

फट सकते हैं इतने ज्वालामुखी

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में करीब 1350 ज्वालामुखी हैं, जिनके फटने की आशंका है। हालांकि, आमतौर पर एक बार में 40 से 50 ज्वालामुखी ही फटते हैं। यह संख्या हर बार बदलती रहती है। क्योंकि कुछ ज्वालामुखी शांत होते हैं, तो दूसरे भड़क उठते हैं।

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