Hurricane Melissa: तूफान मेलिसा ने जमैका, हैती और बहामास में भारी तबाही मचाई है, जिससे अब तक 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
Hurricane Melissa: मेलिसा तूफान ने कैरेबियन (Caribbean Storm) में तबाही मचा दी है। यह अब बरमूडा की ओर बढ़ रहा है। सन 2025 के मौसम में तूफान मेलिसा (Hurricane Melissa) ने कैरेबियन के कई देशों में कहर बरपाया है। इस शक्तिशाली तूफान ने जमैका, हैती और बहामास में तबाही मचाई है, जिससे अब तक 49 लोगों की जान जा चुकी है। तूफान के असर (Tropical Storm 2025) से बाढ़, तेज हवाएं और भारी बारिश जैसी गंभीर स्थिति बन गई है। वहीं, तूफान अब बरमूडा (Bermuda Hurricane) की ओर बढ़ रहा है, जहां हालात और भी बिगड़ सकते हैं। हैती और जमैका में तूफान के कारण बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं ने लोगों को बहुत नुकसान पहुंचाया। जमैका में 17 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिसमें से 10 लोग वेस्टमोरलैंड क्षेत्र में मारे गए। यहां के प्रशासन का कहना है कि तूफान के कारण कई इलाके पूरी तरह से कट गए हैं और प्रशासन अभी भी नुकसान का आकलन कर रहा है। वहीं, हैती में 23 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें 10 बच्चे शामिल हैं।
जमैका में तूफान की वजह से कम से कम 90% घरों की छतें उड़ चुकी हैं और सड़कों पर पानी भरने से कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। इन क्षेत्रों में बचाव कार्य के लिए सेना और राहत टीमों को तैनात किया गया है।
मेलिसा अब श्रेणी 2 का तूफान बन चुका है और इसकी गति 105 मील प्रति घंटा है। तूफान के असर से बरमूडा में तेज हवाएं और मूसलधार बारिश की संभावना है। राष्ट्रीय तूफान केंद्र के मुताबिक, तूफान शुक्रवार की रात या शनिवार की सुबह न्यूफाउंडलैंड में दस्तक दे सकता है। इस तूफान के बाद, अमेरिकी क्षेत्रों में तेज बारिश और तूफान की संभावना जताई जा रही है, जिससे न्यू इंग्लैंड, वर्जीनिया, लांग आइलैंड और कनेक्टिकट के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है।
तूफान मेलिसा के प्रभाव से समुद्र की स्थिति भी बेहद खतरनाक हो गई है। खास तौर पर बरमूडा में जहां समुद्री लहरों की ऊंचाई 30 फीट तक पहुंच सकती है। इस इलाके में तटीय बाढ़ और समुद्र के उफान से लोगों को बचाव के लिए विशेष तैयारियों की आवश्यकता है।
इसके अलावा, एक अलग तूफान जो शुक्रवार को न्यू इंग्लैंड में दस्तक दे सकता है, उसे मेलिसा से उत्पन्न उष्णकटिबंधीय नमी का असर हो सकता है। इस कारण से, मूसलधार बारिश और भयंकर हवाओं की संभावना बनी हुई है।
जमैका में राहत कार्यों में तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन, बाढ़ और टूटे हुए संपर्क मार्गों के कारण कई इलाकों में मदद पहुंचने में समय लग रहा है। अधिकारियों का कहना है कि उन इलाकों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है जहां सड़कें और अन्य मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। इधर हैती और क्यूबा में भी राहत कार्यों के प्रयास जारी हैं। क्यूबा में 7 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। हालांकि, क्यूबा में अब तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
सन 2025 में तूफान मेलिसा को अब तक का सबसे शक्तिशाली तूफान माना जा रहा है। यह श्रेणी 5 का तूफान था और अपनी चरम तीव्रता पर लगातार 36 घंटे तक रहा। तूफान के पीछा करने वाले विशेषज्ञों ने इसे अब तक देखा गया सबसे शक्तिशाली तूफान बताया है। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि मेलिसा ने समुद्र के गर्म पानी का पूरा फायदा उठाया और इसने अपना पूरा जोर दिखाया।
आपके मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है कि इस तूफान का नाम 'मेलिसा क्यों रखा गया? क्या यह किसी व्यक्ति, घटना या विशेष कारण से जुड़ा है? आइए, इसकी पूरी डिटेल हिंदी में समझते हैं। 'मेलिसा तूफान' मुख्य रूप से 1994 के पश्चिमी उत्तर प्रशांत क्षेत्र में आए तूफ़ान को संदर्भित करता है, जो एक कमजोर तूफान था। हालांकि इस साल आए तूफान ने बहुत तबाही मचाई। यह एक टायफून है और टायफून, हरिकेन या साइक्लोन जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को इस वजह से नाम दिया जाता है,ताकि मौसम पूर्वानुमान में मदद मिल सके। 'मेलिसा' नाम ESCAP/WMO Typhoon Committee की 1998 में तैयार की गई 5 सूचियों में से एक से लिया गया है। यह समिति के 14 सदस्य देशों की ओर से सुझाए नामों की सूची से एक नाम था। 'मेलिसा' एक सामान्य अंग्रेजी महिला नाम है, जो आसानी से याद रखने और उच्चारण करने योग्य है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तूफान को यह नाम दिया गया। जब 'मेलिसा' को सूची में शामिल किया गया, उसके बाद 1994 में जब यह तूफान ट्रॉपिकल स्टॉर्म की श्रेणी में पहुंचा, तो JMA ने इसे 'मेलिसा' नाम दिया।
मेलिसा के जैसे तूफान अब वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ा सवाल बन गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जिस प्रकार समुद्र का तापमान बढ़ रहा है, उससे अगले कुछ बरसों में ऐसे तूफानों की संभावना बढ़ सकती है। हालांकि, इस समय तक कोई और बड़े तूफान के बारे में पूर्वानुमान नहीं है, लेकिन तूफान का मौसम नवंबर के अंत तक चलता रहेगा, और ऐसे तूफानों से निपटने के लिए तैयारियां जरूरी होंगी। ( इनपुट: वाशिंगटन पोस्ट )