India-Canada tensions : कनाडा की ओर से भारत पर लॉरेंस विश्नोई के माध्यम से खालिस्तानियों को मारने के आरोपों के बाद अब ब्रिटेन भारत के साथ आ गया है।
India-Canada tensions: ब्रिटेन ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीपसिंह निज्जर (Nijjar) के मामले की जांच के संबंध में भारत ( India) के सहयोग का समर्थन किया है। यूके के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि यूके कनाडा ( Canada) के साथ इस जांच के विकास के बारे में संपर्क में है और कनाडा (India-Canada tensions) की न्यायिक प्रणाली में पूरी तरह से विश्वास व्यक्त किया। यह स्थिति उस समय बढ़ी जब रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने आरोप लगाया कि भारतीय एजेंट कनाडा में आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे, जिसके कारण दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव उत्पन्न हुआ।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय सरकारी अधिकारियों पर सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है, जबकि भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह से अस्वीकार करते हुए उन्हें आधारहीन कहा है। हाल ही में ट्रूडो और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने नागरिकों की सुरक्षा और कानून के शासन के महत्व पर चर्चा की और इस मामले पर निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।
हरदीप सिंह निज्जर एक खालिस्तानी आतंकवादी था, जिसकी जून 2023 में कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसकी हत्या के बाद, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि भारतीय सरकारी अधिकारियों का इस मामले में हाथ हो सकता है। ट्रूडो ने "विश्वसनीय आरोपों" का हवाला देते हुए कहा कि भारत सरकार ने कनाडा में मौजूद खालिस्तानी समुदाय के सदस्यों के खिलाफ एक लक्षित अभियान चलाया है। इसके जवाब में, भारत ने इन आरोपों को "बेबुनियाद" और "प्रेरित" कहा और आरोप लगाया कि कनाडा ने चरमपंथियों को अपने देश में आश्रय दिया है। इस मामले ने भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित किया और आपसी संबंधों में खटास आई है। कनाडाई कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भी इस मामले की जांच जारी रखी है।