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भारत ने खोली डोनाल्ड ट्रंप की पोल, झूठा निकला अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा

Trump's Claim Denied: भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया था, जो अब झूठा निकला। क्या था ट्रंप का दावा? आइए जानते हैं।

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May 13, 2025
Indian Prime Minister Narendra Modi with Donald Trump (Photo - PM Modi's social media)

भारत (India) का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) पूरी तरह से सफल रहा। इसके ज़रिए भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) में 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले करते हुए 100 से ज़्यादा आतंकियों को मार गिराया। भारत के हवाई हमलों से बौखलाकर पाकिस्तान ने भी जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में बॉर्डर के करीब शहरों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए, जिन्हें भारत ने नाकाम कर दिया। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को टारगेट करते हुए उन्हें तबाह कर दिया, जिससे पाकिस्तान की नींद उड़ गई। दोनों देशों के बीच 10 मई को सीज़फायर का ऐलान हुआ, लेकिन पाकिस्तान ने कुछ घंटे बाद ही इसका उल्लंघन कर दिया। अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दावा किया था कि यह सीज़फायर उनकी बातचीत का नतीजा था, लेकिन बाद में भारत सरकार की तरफ से बयान आया था कि इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। पहले दावे के झूठा साबित होने के बाद अब ट्रंप का एक और दावा झूठा साबित हो गया है।

क्या था ट्रंप का दावा?

12 मई को शाम 8 बजे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्र को संबोधित किया। इससे कुछ देर पहले ही ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए बताया, "हमने इस बारे में काफी मदद की। हमने दोनों से कहा कि हम तुम्हारे साथ खूब व्यापार करेंगे तो दोनों रुक जाओ। अगर तुम रुकते हों, तो हम व्यापार करेंगे। अगर तुम नहीं रुकते, तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे। जिस तरह मैंने व्यापार का इस्तेमाल किया, उस तरह से पहले कभी किसी ने नहीं किया।"

झूठा साबित हुआ ट्रंप का दावा

ट्रंप का यह दावा भी झूठा साबित हो गया है। भारत ने सीजफायर नहीं करने पर व्यापार रोकने की धमकी देने वाले ट्रंप के बयान को गलत बताया है। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू होने के बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई को पीएम नरेंद्र मोदी से बात की थी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 8 मई और 10 मई को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से और 10 मई को एनएसए अजीत डोभाल से बात की थी। इस दौरान अमेरिका की तरफ से एक बार भी व्यापार के विषय में या इसे रोकने के बारे में ज़िक्र नहीं किया गया।

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