India-Pakistan Conflict: भारत का पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों और सैन्य ठिकानों पर किया गया 'ऑपरेशन सिंदूर' दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे भारत-पाकिस्तान में तनाव काफी बढ़ गया है। हालांकि अब दोनों देशों की तरफ से सीज़फायर का ऐलान कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी पाकिस्तान की तरफ से इसका उल्लंघन किया जा रहा है। इसी बीच पाकिस्तान में अमेरिकी विमान देखा गया है, जिसे बाद लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं।
भारत (India) का 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) कई मायनों में सफल रहा। न सिर्फ इसने कई आतंकी ठिकानों और आतंकियों को खत्म किया, बल्कि पाकिस्तान (Pakistan) के कई सैन्य ठिकानों को भी टारगेट किया। भारत के हवाई हमले पूरी तरह सटीक रहे और इनसे किसी भी नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ। हालांकि भारत के हवाई हमलों से बौखलाकर पाकिस्तान ने भी जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में बॉर्डर के करीब शहरों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए, जिन्हें भारत ने नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस पूरे मामले में बड़ा मोड़ तब आया जब अमेरिका (United States Of America) ने दोनों देशों के बीच शांति को अहम बताते हुए सीज़फायर कराने का दावा किया। ऐसे में मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि अमेरिका को इस मामले में पड़ने की क्या ज़रूरत पड़ी? इसी बीच अमेरिका का एक विमान भी पाकिस्तान में देखा गया है और इसके बाद से लोगों ने तरह-तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए हैं। लोगों के कयासों का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान में परमाणु ठिकानों से है।
भारत ने 10 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब में पाकिस्तानी हमलों का जवाब देते हुए पाकिस्तान में कई एयरबेस पर हवाई हमले किए, जिनमें सैन्य मुख्यालय के नज़दीक रावलपिंडी में नूर खान एयरबेस भी शामिल है। इतना ही नहीं, भारतीय सेना ने सरगोधा में मुशाफ एयरबेस पर भी हवाई हमला किया। जानकारी के अनुसार नूर खान एयरबेस पर पाकिस्तान का परमाणु कमांड बेस है और मुशाफ एयरबेस के पास किराना हिल्स में पाकिस्तान की परमाणु स्टोरेज फैसिलिटी है।
किराना हिल्स में पाकिस्तान की परमाणु स्टोरेज फैसिलिटी के पास भारत के हवाई हमले के बाद पाकिस्तान और अमेरिका घबरा गए हैं। किराना हिल्स पर भारत का मिसाइल दागना कोई संयोग मात्र नहीं था, बल्कि साफ इशारा था कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार भी भारत की रेंज में है। भारत का हवाई हमला एक सुनियोजित कदम था।
जानकारी के अनुसार भारत के इस कदम के बाद से मामले की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान में एक अमेरिकी विमान देखा गया है। पाकिस्तान में अमेरिका को जो विमान देखा गया, वो अमेरिकी ऊर्जा विभाग प्रशासन का परमाणु आपातकालीन सहायता विमान (B350 AMS) है।
अमेरिकी ऊर्जा विभाग प्रशासन का जो विमान पाकिस्तान गया है, उसके पीछे एक बड़ी वजह है। आइए उस पर नज़र डालते हैं।
◙ परमाणु रेडिएशन का पता लगाना और परमाणु भंडार का आकलन।
◙ हवा और धरती पर परमाणु रेडिएशन के लेवल का पता लगाना।
अमेरिकी ऊर्जा विभाग प्रशासन का विमान पाकिस्तान में उन जगहों पर देखा गया है, जहाँ परमाणु रेडिएशन के खतरे की आशंका जताई जा रही है। इसके ज़रिए यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या भारत के हवाई हमलों से पाकिस्तान में परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है। नुकसान के बारे में फिलहाल कोई खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि यह भी खबर है कि मिस्त्र (Egypt) ने भी पाकिस्तान में एक विमान के ज़रिए बोरोन (Boron) भेजा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बोरोन का इस्तेमाल रेडिएशन कम करने के लिए किया जाता है। मिस्त्र के बोरोन भेजने की खबर इस बात की ओर इशारा करती है कि पाकिस्तान में सबकुछ सही नहीं है और भारतीय हवाई हमले में पाकिस्तानी परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।