इज़रायल के ईरान पर हमला करने की सबसे बड़ी वजह ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाना है। इज़रायल को ईरान के दो परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने में कामयाबी मिली है।
इज़रायल (Israel) के ईरान (Iran) पर हमला करने की अटकलें पिछले कई महीनों से लगाई जा रही थीं। अब इज़रायल ने उन सभी अटकलों को हकीकत में बदलते हुए ईरान पर हमला कर दिया है। आज, शुक्रवार, 13 जून को तड़के सुबह इज़रायली एयरफोर्स ने ईरान की राजधानी तेहरान (Tehran) में परमाणु ठिकानों के साथ ही सैन्य ठिकानों पर भी एयरस्ट्राइक्स की। इज़रायल काफी समय से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की प्लानिंग कर रहा था और अब इसकी शुरुआत हो चुकी है और अभी इज़रायली सैन्य कार्रवाई खत्म नहीं हुई है। इज़रायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने अगले कई दिनों तक ईरान के खिलाफ इज़रायल की सैन्य कार्रवाई को ग्रीन सिग्नल दे दिया है। इज़रायल की ईरान के परमाणु ठिकानों पर एयरस्ट्राइक्स में ईरान के दो परमाणु वैज्ञानिकों (Nuclear Scientists) को भी मार गिराया।
जानकारी के अनुसार इज़रायली एयरस्ट्राइक्स में ईरान के दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तहरांची (Mohammad Mehdi Tehranchi) और फरेदून अब्बासी दवानी (Fereydoon Abbasi Davani) मारे गए हैं। ईरान की स्टेट मीडिया ने भी इस बात की पुष्टि की है।
तहरांची और दवानी, दोनों की ईरान के परमाणु प्रोग्राम में अहम भूमिका थी। दोनों ही ईरान की परमाणु परियोजनाओं की देखरेख करने के साथ ही इसको आगे बढ़ाने पर काम कर रहे थे। दोनों परमाणु वैज्ञानिकों ने ईरान में ही पढ़ाई की थी और ईरान को एक पूर्ण परमाणु राष्ट्र बनाने के लिए दोनों काफी मेहनत कर रहे थे।
इज़रायल की एयरस्ट्राइक्स का जवाब देने के लिए ईरान ने भी अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार ईरान ने इज़रायल पर 100 से ज़्यादा ड्रोन्स दागे हैं। ईरान के द्वारा दागे गए सभी ड्रोन्स खतरनाक सुसाइड ड्रोन्स बताए जा रहे हैं। इज़रायली सेना इन ड्रोन्स को मार गिराने में जुटी हुई है।
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