इजराइल के ताजा हवाई हमलों ने गाजा में 65 फिलिस्तीनियों की जान ले ली है। जिसमें एक ही परिवार के 14 सदस्य भी शामिल हैं। इजराइली सेना ने 500 से ज़्यादा जगहों पर हमले किए हैं। जिससे गाजा शहर तबाह हो गया है। हमास ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए वैश्विक समुदाय पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया है। लगातार हमलों के बावजूद, लाखों लोग अपने घरों में डटे हुए हैं।
इजराइल ने शुक्रवार को गाजा पर जबरदस्त हवाई हमले किए हैं। जिसमें 65 फिलिस्तियों की जान चली गई है। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों में एक ही परिवार के 14 लोग शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि इजराइल ने गाजा पर हवाई हमलों के अलावा तोप से गोले भी छोड़े। जिससे गाजा सिटी और क्षेत्र के उत्तरी हिस्सों में बड़ा नुकसान पहुंचा है। इजराइली हमलों ने गाजा सिटी के अत्त-तवाम इलाके में कई घरों को निशाना बनाया।
इस हमले की फिलिस्तीनी समूह हमास ने कड़ी निंदा की है। हमास ने कहा कि ऐसी कार्रवाइयां अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करती हैं। वहीं, हमास ने इन हमलों के लिए वैश्विक समुदाय को भी जिम्मेदार ठहराया है।
हमास ने कहा कि ग्लोबल कम्युनिटी ने इजराइली हमलों पर चुप्पी साध ली है। उन्होंने इजरायल को नरसंहार और जबरन विस्थापन को तेज करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली ड्रोन ने गाजा सिटी के दराज इलाके को भी निशाना बनाया। जहां एक बच्चे की मौत हो गई है। वहीं, कई लोगों के घायल होने की सूचना है।
उधर, इजराइली सेना ने भी इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया दी है। अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा कि सप्ताह भर में इजराइल ने गाजा सिटी में 500 जगहों पर हमला किया है।
इजराइल गाजा में अपने हमलों को तेज कर रहा है। उसका उद्देश्य लगभग 10 लाख निवासियों को बाहर निकालना है। इसके साथ, शहर पर पूरी तरह से नियंत्रण पाना है।
दूसरी तरफ, गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने शुक्रवार को जानकारी दी कि लगातार बमबारी और बाहर निकलने की धमकियों के बावजूद में गाजा और उत्तरी इलाके में लगभग 13 लाख लोग रह रहे हैं।
बता दें कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। ऐसा कहा जाता है कि दोनों ही अपने ऐतिहासिक और धार्मिक अधिकारों को लेकर एक ही जमीन पर दावा करते हैं। दोनों देशों के लिए यरूशलम शहर काफी महत्वपूर्ण है। इसपर नियंत्रण को लेकर विवाद है।