
Gut health (Representational Photo)
अब तक आंतों की सेहत (Gut Health) को भोजन, तनाव और जीवनशैली से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक नई रिसर्च करते हुए इसे सामाजिक पहलू से भी जोड़ा है। कुछ दिन पहले ही 'नेचर कम्युनिकेशंस' में प्रकाशित इस रिसर्च के अनुसार, गट हेल्थ सिर्फ व्यक्ति के अपने जीन पर निर्भर नहीं करती, बल्कि उसके साथ रहने वालों के जीन भी इसे प्रभावित कर सकते हैं।
स्पेन (Spain) के बार्सिलोना (Barcelona) में सेंटर फॉर जीनोमिक रेगुलेशन की वैज्ञानिक और रिसर्च की प्रमुख लेखिका डॉ. एमिली बॉड के नेतृत्व में की गई इस रिसर्च में आंतों की सेहत के बारे में कई खुलासे हुए हैं। इस रिसर्च में यह भी पता चला है कि आंतों के बैक्टीरिया सामाजिक संपर्क के ज़रिए साझा हो सकते हैं और दूसरे इंसान की गट हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं।
रिसर्च में अमेरिका (United States of America) के चार अलग-अलग केंद्रों में रखे गए 4,000 से ज़्यादा आनुवंशिक रूप से अलग चूहों पर रिसर्च की गई। सभी को समान आहार दिया गया, पर वातावरण और देखभाल अलग रही। रिसर्च से पता चला कि गट माइक्रोबायोम केवल चूहे के अपने जीन से नहीं, बल्कि उसके साथ रहने वाले अन्य चूहों के जीन से भी प्रभावित होता है। डॉ. एमिली के अनुसार इस प्रभाव को 'अप्रत्यक्ष आनुवंशिक प्रभाव' कहा जाता है।
इस रिसर्च में तीन मज़बूत जीन–बैक्टीरिया संबंध सामने आए, जिनमें एसटी6गैलनैक1 जीन और पैराप्रिवोटेला बैक्टीरिया का संबंध सबसे प्रमुख रहा। जब सामाजिक आनुवंशिक प्रभावों को जोड़ा गया, तो गट हेल्थ पर जीन का असर चार से आठ गुना बढ़ गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि भले ही रिसर्च चूहों पर हुई है, लेकिन इंसानों में भी साथ रहने से गट हेल्थ और बीमारी के जोखिम प्रभावित हो सकते हैं।
Updated on:
26 Dec 2025 10:14 am
Published on:
26 Dec 2025 09:58 am
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