अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने राष्ट्रपति ट्रम्प के स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवालों के बीच बड़ा बयान दिया है! उन्होंने कहा है कि वो राष्ट्रपति पद संभालने को तैयार हैं। ट्रम्प के हाथ में चोट और क्रोनिक वेनस इनसफीशिएंसी बीमारी की खबरों के बाद ये बयान खलबली मचा रहा है। व्हाइट हाउस ने हालांकि ट्रम्प के स्वास्थ्य को लेकर आश्वस्त किया है।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने दुनिया भर में खलबली मचाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के लिए पहले से तैयार हैं।
बता दें कि मीडिया द्वारा गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वस्थ्य को लेकर सवाल किया गया। इसका जवाब देते हुए वेंस ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप फिलहाल अच्छी स्थिति में हैं, वे अपना बचा हुआ कार्यकाल पूरा करेंगे और अमेरिकी लोगों के लिए महान कार्य करेंगे।
इसके साथ, वेंस ने यह भी कहा कि ईश्वर न करे, फिर भी अगर कोई भयानक त्रासदी हो जाती है, तो मैं राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हूं। क्योंकि पिछले 200 दिनों में मैंने काफी कुछ सीख लिया है।
बता दें कि हाल ही में, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग के साथ बैठक के दौरान ट्रंप के हाथ पर चोट का निशान देखा गया था। इसके बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई थी।
हालांकि, व्हाइट हाउस ने इसपर प्रतिक्रिया भी दी। कहा गया कि बार-बार जोर से हाथ मिलाने और एस्पिरिन (दवा) का इस्तेमाल करने से ऐसा हुआ है। यह चोट पहली बार जुलाई में दिखाई दी थी, लेकिन उसे फाउंडेशन ने ढक दिया था।
व्हाइट हाउस के चिकित्सक डॉ। सीन बारबेला के अनुसार, ट्रंप क्रोनिक वेनस इनसफीशिएंसी बीमारी के शिकार हो गए हैं। यह खासकर 70 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में पाई जाती है।
जुलाई में 79 वर्षीय ट्रंप की न्यू जर्सी के ईस्ट रदरफोर्ड में फीफा क्लब विश्व कप 2025 के फाइनल में कुछ खास तस्वीर ली गई थी, जिसमें उनके टखनों के आसपास सूजन दिखाई दे रही थी। बाद में पता चला कि उन्हें क्रोनिक वेनस इनसफीशिएंसी की बीमारी है, जो 70 साल से अधिक आयु के व्यक्ति में आम है।
क्रोनिक वेनस अपर्याप्तता तब होती है, जब पैरों की नसों को हृदय तक रक्त पहुंचाने में कठिनाई होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मेडलाइनप्लस के अनुसार, यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब पैरों की नसों के वाल्व कमजोर हो जाते हैं या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, रक्त ऊपर की ओर प्रभावी ढंग से प्रवाहित होने के बजाय निचले अंगों में जमा हो जाते हैं।