Jihad Slogans In Dhaka: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मस्जिद से लेकर सड़कों तक जिहाद के नारे लग रहे हैं। देश के कई इस्लामिक संगठन इसके लिए साथ आए हैं और बांग्लादेश में जिहाद के लिए आवाज़ उठा रहे हैं।
बांग्लादेश (Bangladesh) में शेख हसीना (Sheikh Hasina) की सरकार गिरने के बाद से ही देश में अराजकता काफी ज़्यादा बढ़ गई है। देश में जिहादियों (Jihadis) का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद भी हालात नहीं सुधरे, बल्कि और बदतर हो गए। देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक लोगों के खिलाफ अत्याचार काफी बढ़ गया है और सरकार इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। देश में जिहादी खुलेआम दहशत फैला रहे हैं।
यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के राज में उग्रवादी और प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियाँ फिर से सार्वजनिक रूप से दिखाई देने लगी हैं। ढाका की राष्ट्रीय मस्जिद बैतुल मुकर्रम के प्रांगण में हिज्ब उत-तहरीर, विलायाह बांग्लादेश, अंसार अल-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी जैसे इस्लामी जिहादी संगठनों के सदस्यों ने खुलकर जिहाद के समर्थन में नारे लगाए।
नारेबाजी के दौरान जिहादियों ने खुलेआम खुद को जिहादी के साथ मिलिटेंट भी बताया। इन जिहादियों ने जिहाद के लिए नारेबाजी करते हुए साफ कर दिया कि उनके लिए जिहाद ही सबकुछ है और इससे बढ़कर कुछ भी नहीं।
इन जिहादियों के मन में हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों के लिए कितनी नफरत है, यह बात भी किसी से छिपी नहीं है। जिहादियों ने "इस्मालिक बांग्लादेश में काफिरों के लिए कोई जगह नहीं" जैसे नारे भी लगाए।
यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अस्थिरता बढ़ती ही जा रही है। जिहाद बढ़ता ही जा रहा है और शांति की इच्छा रख्नने वाले अल्पसंख्यकों को डर के साये में जीना पड़ रहा है।