Kailash Mansarovar Yatra: ब्राजील में G-20 शिखर सम्मलेन के दौरान चीन और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई। जिसमें कैलाश मानसरोवर के मुद्दे पर चर्चा हुई।
Kailash Mansarovar Yatra: भारतीयों की लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर शुरू होने के आसार दिखाई देने लगे हैं। दरअसल ब्राजील में हुए G-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit 2024) के दौरान चीन और भारत के विदेश मंत्रियों (S Jaishankar) के बीच बैठक हुई थी। जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। ऐसे में अब रणनीतिक मामलों के जानकार इस बात की संभावना जता रहे हैं कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिर से शुरू हो सकती है।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) के बीच G-20 शिखर सम्मलेन के दौरान बातचीत हुई। हालांकि अटकलें तो ये लगाई जा रहीं थीं कि भारत के प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी। लेकिन ये बैठक चीनी विदेश मंत्रियों के बीच ये द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा, उनके बीच सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करना, भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडिया आदान-प्रदान को लेकर भी चर्चा हुई।
कैलाश मानसरोवर यात्रा को बंद हुए कई साल हो चुके हैं। साल 1962 के भारत-चीन युद्ध (India-China War) के बाद, दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध हो गए थे जिसकी वजह से तभी से ये यात्रा पूरी तरह से बंद कर दी गई। इसके बाद कोरोना महामारी के चलते चीन की सरकार ने भारतीय नागरिकों के एंट्री पर ही बैन लगा दिया था। चीन ने नेपाल से होकर गुज़रने वाले प्राइवेट रूट पर सख्त पाबंदियां लगा दी हैं। जिससे भारतीयों के लिए यात्रा बिल्कुल बंद हो गई। 2020 के बाद से दोनों देशों के बीच यात्रा शुरू करने को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई।
बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा की यात्रा समुद्र तल से 17 हज़ार फ़ीट ऊंचे लिपूलेख दर्रे से होती है। ये यात्रा जून महीने में शुरू होती थी जबकि इसकी तैयारी जनवरी से ही शुरू हो जाती है। वैसे तो कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है लेकिन चीन इसे अपने अधीन एक स्वायत्त राज्य मानता है, क्योंकि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए चीन की सीमा में प्रवेश करना पड़ता है, इसलिए वहां जाने के लिए चीनी पर्यटक वीज़ा लेना होता है।