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ISI की कठपुतली था निज्जर, यह जानते हुए भी कनाडा ने पूरी छूट दी, ट्रूडो के ‘डर्टी गेम’ का सनसनीखेज खुलासा

India-Canada tension: हरदीप सिंह निज्‍जर (Nijjar) ने पहले शरणार्थी के तौर पर कनाडा की नागरिकता लेने की कोशिश की. फिर भी बात नहीं बनी तो उसने एक ब्रिटिश कोलंबियन महिला से शादी कर ली ताकि वो कनाडा ( Canada) का नागरिक बन सके. कनाडा की अथॉरिटी ने इसके इस झूठ को भी पकड़ लिया. बाद […]

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Oct 17, 2024
Nijjar and Trudo

India-Canada tension: हरदीप सिंह निज्‍जर (Nijjar) ने पहले शरणार्थी के तौर पर कनाडा की नागरिकता लेने की कोशिश की. फिर भी बात नहीं बनी तो उसने एक ब्रिटिश कोलंबियन महिला से शादी कर ली ताकि वो कनाडा ( Canada) का नागरिक बन सके. कनाडा की अथॉरिटी ने इसके इस झूठ को भी पकड़ लिया. बाद में बिना किसी सवाल जवाब के उसे कनाडा की नागरिकता कैसे दे दी गई ये जानना बेहद अहम है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ( Trudeau) ने आखिरकार इस बात को कुबूल कर लिया है कि उसने आरोप लगाने से पहले भारत को सुबूत नहीं दिए। केवल खुफिया जानकारी शेयर की गई। दुनिया और उनके ही घर में हो रही कनाडा की फज़ीहत ने जस्टिन ट्रूडो को ये यू-टर्न लेने पर मजबूर कर दिया। इसी यू-टर्न पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और साफ कहा कि भारत-कनाडा संबंधों को हुए नुकसान के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री ट्रूडो की जिम्मेदारी है।

कनाडा नागरिकता की अपील खारिज कर चुका

यह तथ्य अहम है कि निज्‍जर एक ISI एजेंट था, कनाडा जिस आतंकी निज्‍जर का इतना समर्थन कर रहा है, वो दो बार उसकी नागरिकता की अपील खारिज कर चुका था और वो पहले शरणार्थी के तौर पर कनाडा का नागरिक बनने के चक्‍कर में था, ​लेकिन फिर उसने एक ब्रिटिश कोलंबियन महिला से शादी कर कनाडा में अपनी जगह पक्‍की करने की कोशिश की, इसके बाद भी उसकी दाल नहीं गली। बहरहाल अब सवाल ये है कि इस बवाल और फिर यू-टर्न की नौबत क्यों आई, ये सबसे बड़ा सवाल है। क्या अपनी गद्दी बचाने के लिए ट्रूडो ने भारत के खिलाफ बयान दिया था या झूठ बेनक़ाब होने के डर से होने वाली इंटरनेशनल फज़ीहत ने ट्रूडो से ये काम कराया। कनाडा की 23-24 सीटों पर सिख वोटर के वर्चस्व ने ट्रूडो को खालिसतान समर्थकों के हाथों की कठपुतली बना दिया और जो काम पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थक करते रहे हैं उसमें ये भी शामिल हो गए।

हरदीप निज्जर था पाकिस्तानी ISI एजेंट

ये मामला जून 2023 में कनाडा के नागरिक और खालिस्तान समर्थक हरदीपसिंह निज्जर की हत्या की घटना के बाद से शुरू हुआ है। कनाडा ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंट्स ने कनाडा में निज्जर की हत्या की है। इसे लेकर कनाडा ने भारत के साथ अपने रिश्ते खराब कर लिए। यह खेल त​ब शुरू हुआ जब 2014 में निज्जर पाकिस्तान गया। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार हरदीपसिंह निज्‍जर की पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स के आतंकी जगतारसिंह तारा से भेंट हुई, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंतसिंह की हत्या में वांछित था और इसके बाद से ISI ने हरदीप को भारत विरोधी गतिविधियों के लिये अपना एसेट बना लिया। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार सन 2015 में ISI तब खुल कर सामने आई, जब ISI ने ब्रिटिश कोलंबिया के मिसिजेन हिल्स में खालिस्तान समर्थित सिख कट्टरपंथियों को ट्रेनिंग देने के काम के लिए उसकी सहायता की।

कनाडा खुफिया एजेंसी के चीफ ने क्‍या स्‍वीकार किया ?

निज्जर ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी जगतारसिंह हवारा के साथ भी काम किया था। यही नहीं सन 1981 में इंडियन एयर लाइन्स हाईजैक करने वाले दल खालसा लीडर गजेंदरसिंह से भी जुड़ा हुआ था। खुद कैनेडियन खुफिया एजेंसी के निदेशक वैनेसा लॉयड ने भी माना था कि पाकिस्तान भारत के कनाडा में बढ़ते प्रभाव को काउंटर करने के लिए खालिस्तान का समर्थन करता है।

निज्जर का मददगार कनाडा

निज्‍जर की पैदाइश 10 नवंबर 1977 की थी, ये कट्टर अलगाववादी गुट खालिस्तान टाइगर से संबंध रखता था। पुलिस ने हरदीपसिंह निज्जर को साल 1995 में गिरफ़्तार किया और इसके बाद 19 फ़रवरी 1997 को रवि शर्मा के नाम के फर्ज़ी पासपोर्ट से भारत से भागने में सफल हुआ, लेकिन कनाडा में टोरंटो एयरपोर्ट पर उसे अधिकारियों ने पकड़ लिया। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार निज्‍जर ने खुद पर भारत में पुलिस बर्बरता का झूठ बोल राजनैतिक शरण मांगी, लेकिन वो भी ख़ारिज कर दी गई और बाद में एक ब्रिटिश कोलंबियन महिला से शादी की और उसने इमिग्रेशन स्‍पॉन्‍सर किया, लेकिन कनाडा ने उस इमिग्रेशन को भी रिजेक्ट कर दिया, क्योंकि उन्हें इस बात का शक था कि शादी झूठी है और इमिग्रेशन हासिल करने के लिए शादी की गई है।

बाद में निज्‍जर को कनाडा की नागरिकता दे दी गई

चौंकाने वाली बात तो यह है कि बाद में निज्‍जर को कनाडा की नागरिकता दे दी गई। साल 2018 में तत्कालीन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदरसिंह ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को मोस्टवांटेड लिस्ट सौंपी थी। जबकि भारत सरकार ने निज्जर के खिलाफ 2014 में ही रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था और तभी से भारत उसके प्रत्यर्पण के लिए कनाडा सरकार से बातचीत कर रही है, लेकिन कनाडाई अधिकारियों ने 2017-18 में आतंकवादी को नो फ्लाई लिस्ट में डाल कर उसे बचा लिया था। साल 2022 में पंजाब पुलिस ने निज्जर के भारत प्रत्यर्पण की मांग करते हुए कनाडाई अधिकारियों से संपर्क किया था।

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