UK-India Free Trade Agreement: भारत-ब्रिटेन FTA से मोदी और स्टार्मर को आर्थिक और राजनीतिक लाभ मिलेगा। यह समझौता व्यापार, रोजगार, और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देगा।
UK-India Free Trade Agreement: ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की 8 अक्टूबर 2025 को भारत यात्रा और जुलाई 2024 में हुए भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (India-UK Free Trade Agreement) ने दोनों देशों के लिए नए आर्थिक द्वार खोले हैं। यह समझौता पीएम नरेंद्र मोदी और स्टार्मर (PM Modi Keir Starmer) के लिए आर्थिक और राजनीतिक रूप से कितना फायदेमंद है, आइए जानें। दरअसल जुलाई 2024 में साइन हुआ यह FTA भारत और ब्रिटेन के बीच अब तक का सबसे बड़ा व्यापार समझौता (Bilateral Trade Benefits) है। ध्यान रहे कि यह 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 25.5 अरब पाउंड (लगभग 2.8 खरब रुपये) तक ले जाने का लक्ष्य रखता है। भारत में ब्रिटिश उत्पादों पर टैरिफ 15% से घटकर 3% हो जाएगा, जबकि व्हिस्की पर शुल्क 150% से 75% और अगले दशक में 40% होगा। इससे भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ते उत्पाद और ब्रिटिश व्यवसायों को भारत में बेहतर पहुंच मिलेगी।
मोदी के लिए यह समझौता भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है। भारतीय कपड़ा, चमड़ा, और इंजीनियरिंग क्षेत्रों को ब्रिटिश बाजार में नई संभावनाएं मिलेंगी। इससे हजारों नौकरियां पैदा होंगी और छोटे-मध्यम उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह भारत को एक विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार के रूप में स्थापित करता है, जो मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को गति देगा।
इधर ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन को नए व्यापारिक रास्तों की जरूरत थी। स्टार्मर ने इस FTA को “ब्रेक्जिट के बाद सबसे बड़ा समझौता” बताया। यह ब्रिटेन में रोजगार और समृद्धि लाएगा। ब्रिटिश व्हिस्की, कार, और अन्य उत्पाद भारत में सस्ते होंगे, जिससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। स्टार्मर की यह यात्रा उनकी सरकार की आर्थिक नीतियों को मजबूत करने का प्रतीक है।
मोदी और स्टार्मर गुरुवार को दिल्ली में रक्षा प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और दूरसंचार पर चर्चा करेंगे। यह सहयोग भारत को तकनीकी नवाचार में अग्रणी बनाएगा, जबकि ब्रिटेन को भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था का लाभ मिलेगा। यह दोनों नेताओं के लिए वैश्विक मंच पर अपनी छवि चमकाने का मौका है।
बहरहाल स्टार्मर ने मुंबई में यशराज फिल्म्स और प्रीमियर लीग शोकेस में हिस्सा लिया, जो सांस्कृतिक और खेल कूटनीति दर्शाता है। यह मोदी की सॉफ्ट पावर रणनीति को बढ़ावा देता है। दोनों नेताओं के लिए यह समझौता और यात्रा वैश्विक कूटनीति में उनकी स्थिति मजबूत करते हैं।