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क्या गाजा से लेकर यूक्रेन तक दुनिया भर के लाखों उजड़े हुए बेघरों की सबसे बड़ी उम्मीद है NRC ?

Refugee Crisis Relief: गाजा, यूक्रेन, सीरिया और सूडान जैसे देशों में लाखों बेघर लोगों को राहत पहुंचा रहा है नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल।

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Sep 05, 2025
नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल के पुनर्वास करने की एआई जनरेटेड फोटो

Refugee Crisis Relief: गाजा, फिलिस्तीन हो या सूडान, यूक्रेन (NRC Gaza Ukraine) हो या सीरिया, जब जंग के बाद लाखों लोग बेघर हो गए हैं तो वे सोचते हैं कि आखिर उन्हें वापस बसाने वाला (Refugee Crisis Relief) भी कोई हो। ऐसे लोगों को बसाने के लिए मसीहा है नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल। दरअसल नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल यानी NRC (Norwegian Refugee Council)एक ऐसा संगठन है जो उन लोगों की मदद करता है जिन्हें संघर्ष, युद्ध या आपदाओं के कारण अपना घर छोड़ना पड़ता है। इसकी शुरुआत 1946 में नॉर्वे से हुई थी, लेकिन आज इसका काम पूरी दुनिया में फैल चुका है। NRC का मकसद है कि हर वह इंसान जो बेघर हुआ है, उसे नई ज़िंदगी की शुरुआत का मौका मिले।

40 से ज्यादा देशों में NRC की मदद

NRC आज करीब 40 देशों में काम करता है। अफ्रीका से लेकर एशिया और मध्य-पूर्व तक, यह संगठन युद्ध से प्रभावित और विस्थापित लोगों को सुरक्षित आश्रय, साफ पानी, शिक्षा और कानूनी मदद देता है। यह संस्थान सिर्फ राहत नहीं देता, बल्कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी काम करता है।

सुरक्षित आश्रय से लेकर शिक्षा तक की सुविधा

NRC की सहायता मुख्य रूप से 6 बड़े हिस्सों में बंटी होती है:

आश्रय: जहां लोग सुरक्षित घर में रह सकें।

खाद्य और आजीविका: खाने और रोजगार की सुविधा देना।

शिक्षा: बच्चों और युवाओं को फिर से स्कूल से जोड़ना।

पानी और स्वच्छता: पीने का साफ पानी और शौचालय जैसी ज़रूरतें।

कानूनी मदद: ज़मीन, नागरिकता और दस्तावेज़ों में मदद।

सुरक्षा: हिंसा और उत्पीड़न से बचाव।

इन सेवाओं से NRC लोगों को सिर्फ सहायता नहीं, बल्कि सम्मान से जीने का हक़ भी देता है।

NRC का खास सिस्टम – पारदर्शिता और जवाबदेही

इस संस्था की एक खास बात यह है कि यह पूरी तरह पारदर्शी है। अगर किसी को NRC की कार्यशैली से कोई समस्या है, तो वे इसकी “Speak Up” प्रणाली के जरिए गुप्त रूप से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हर शिकायत को गंभीरता से लेकर तय समय में जवाब दिया जाता है। इससे लोगों का भरोसा भी बना रहता है।

NRC की शिक्षा मुहिम – भविष्य को संवारने की कोशिश

बच्चों को स्कूल वापस लाने के लिए NRC विशेष प्रयास करता है। कई बार युद्ध या आपदाओं के कारण बच्चों की पढ़ाई छूट जाती है। ऐसे में NRC उन्हें दोबारा शिक्षा से जोड़ने का काम करता है। इससे बच्चों का आत्मविश्वास लौटता है और उनका भविष्य सुरक्षित होता है।

दान सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचता है ?

NRC की खास बात यह है कि इसका 90% से अधिक फंड सीधे पीड़ितों पर खर्च होता है। इसका मतलब है कि जब भी कोई NRC को दान देता है, तो वह पैसा सीधे राहत कार्यों में लगाया जाता है, न कि ऑफिस खर्चों में।

'जीवन रक्षक तोहफे' से करें किसी की मदद

अगर आप NRC को सपोर्ट करना चाहते हैं, तो इसकी "Gifts That Save Lives" पहल के तहत आप किसी जरूरतमंद को भोजन, कम्बल, साफ पानी या शिक्षा जैसे उपहार भेज सकते हैं। आप इसे अपने किसी प्रियजन के नाम पर भी भेज सकते हैं।

NRC: सिर्फ एक संगठन नहीं, एक उम्मीद

NRC सिर्फ मदद करने वाला संगठन नहीं है, यह उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जिन्हें संघर्षों ने तोड़ दिया है। यह संस्था उन्हें दोबारा खड़ा होने का हौसला देती है।

NRC की पहल पर राहत और भरोसे की लहर

नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल की मदद से जीवन की ओर लौट रहे कई परिवारों ने इसे “नई सुबह की शुरुआत” बताया है। गाजा के एक विस्थापित नागरिक ने कहा, "जब सब कुछ तबाह हो गया था, तब NRC ने आकर हमें छत, पानी और शिक्षा दी। अब फिर से जीने की उम्मीद जगी है।" वहीं, यूक्रेन की एक महिला, जो अपने बच्चों के साथ युद्ध के दौरान घर से भागने को मजबूर हुई, ने NRC को "परिवार जैसा सहारा" बताया।

भारत सहित एशिया में NRC के कदम क्या होंगे ?

NRC का अगला ध्यान दक्षिण एशियाई क्षेत्रों की ओर भी हो सकता है, जहां जलवायु परिवर्तन, आपदाओं और सीमावर्ती संघर्षों के चलते विस्थापन बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, NRC भारत, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में भी "डिजास्टर रेस्पॉन्स यूनिट" तैयार करने पर विचार कर रहा है। NRC की टीम जल्द ही इस दिशा में स्थानीय संगठनों के साथ रणनीतिक साझेदारी कर सकती है।

NRC की सहायता से बचपन फिर लौटा स्कूल

जंग और संघर्ष में सबसे ज़्यादा नुकसान बच्चों की शिक्षा को होता है। NRC की शिक्षा मुहिम के तहत हजारों बच्चों को फिर से स्कूल भेजा गया है। सीरिया में NRC की ओर से शुरू किए गए “फास्ट-ट्रैक लर्निंग प्रोग्राम” से बच्चे दोबारा पढ़ाई में लौट सके। NRC की टीचर लैला कहती हैं, "बच्चे पहले डरते थे, अब सवाल पूछते हैं और मुस्कुराते हैं। यह बदलाव NRC की सबसे बड़ी सफलता है।

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