Pakistan Flash Flood 2025: पाकिस्तान में बादल फटने और भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से 159 लोगों की मौत हो गई है। राहत कार्य जारी हैं, लेकिन मौसम की खराबी से बचाव अभियान बाधित हो रहा है
Pakistan Flash Flood 2025: पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी इलाकों में एक भीषण प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचा दी है। तेज बारिश और बादल फटने (Pakistan cloudburst news) के कारण अचानक आई बाढ़ में (Pakistan flood 2025)अब तक 159 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग लापता हैं और दर्जनों घायल हुए हैं। सैकड़ों घर बह गए और कई गांव पानी में डूब गए। बाढ़ से सबसे ज़्यादा नुकसान (Flash flood deaths Pakistan) खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनर, शांगला, स्वात, मनसेहरा और बत्ताग्राम जिलों में (Khyber Pakhtunkhwa flood disaster)हुआ है। वहां लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। गांवों का संपर्क टूट चुका है और लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने की कोशिश कर रहे हैं।
सरकारी एजेंसियों और सेना की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन राहत कार्य के दौरान एक रेस्क्यू हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार 5 लोगों की मौत हो गई। ये सभी कर्मचारी राहत अभियान में हिस्सा ले रहे थे। हादसे के बाद अभियान कुछ देर के लिए बाधित हो गया।
बारिश और बाढ़ की वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। सड़कों और पुलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। स्कूल, अस्पताल और बाजार बंद कर दिए गए हैं। कई लोग अपने घरों की छतों पर फंसे हुए हैं और मदद का इंतज़ार कर रहे हैं। प्रशासन ने आसपास के इलाकों को खाली करवाना शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान सरकार ने इस आपदा को गंभीर मानते हुए प्रभावित जिलों में आपातकाल जैसी स्थिति घोषित कर दी है। लोगों से कहा गया है कि जब तक जरूरी न हो, वे घरों से बाहर न निकलें। राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर और नौकाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की आपदाएं अब सामान्य होती जा रही हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते बारिश के पैटर्न में तेजी से बदलाव हो रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तान और भारत जैसे देशों में बादल फटने और बाढ़ की घटनाएं बढ़ गई हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की गई है और राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया गया है। झंडों को आधा झुकाया गया और धार्मिक स्थलों पर विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की गईं।
पाकिस्तान की इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर बता दिया है कि हम सभी को जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन को लेकर और सतर्क रहने की ज़रूरत है। समय पर चेतावनी, मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर और तेज़ राहत व्यवस्था ही भविष्य में ऐसी त्रासदियों को कम कर सकती है।