Pakistan Betrays Iran: पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए अपने दोस्त ईरान को ही धोखा दे दिया है। क्या है पूरा मामला? आइए नज़र डालते हैं।
पाकिस्तान (Pakistan) और ईरान (Iran) में लंबे समय से काफी अच्छे संबंध रहे हैं। दोनों इस्लामिक देश होने के साथ ही पड़ोसी देश भी हैं और समय-समय पर एक-दूसरे को समर्थन भी देते हैं। पाकिस्तान और ईरान के संबंधों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1947 में पाकिस्तान को मान्यता देने वाला पहला देश ईरान ही था। दोनों ने 1950 में मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि अब पाकिस्तान ने कुछ ऐसा कर दिया है जो ईरान को धोखा देने से कम नहीं है।
पाकिस्तान ने हाल ही में अमेरिका (United States Of America) के एक जनरल को सम्मानित किया है। शनिवार को अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला (Michael Kurilla) को पाकिस्तान ने 'निशान-ए-इम्तियाज़' अवॉर्ड से सम्मानित किया है। यह सम्मान पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक और सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) ने कुरिल्ला को यह अवॉर्ड दिया।
कुछ दिन पहले ही कुरिल्ला ने पाकिस्तान की तारीफ की थी। कुरिल्ला ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान एक बेहतरीन पार्टनर है। साथ ही कुरिल्ला ने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने की बात भी कही थी।
ईरान और अमेरिका के बीच लंबे समय से चली आ रही तनातनी किसी से छिपी नहीं है। इज़रायल और ईरान के बीच युद्ध में अमेरिका ने इज़रायल का साथ देते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की थी। ऐसे में अब पाकिस्तान का अमेरिकी जनरल को अपना दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान देना, ईरान को धोखा देने जैसा है, क्योंकि ईरान के लिए अमेरिका दुश्मन देश है।