Sudan Conflict: सूडान में चल रहे युद्ध के बीच अब आरएसएफ ने अमेरिकी सीज़फायर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या 30 महीने से ज़्यादा समय से चल रहा युद्ध रुकेगा?
सूडान (Sudan) में सेना और अर्धसैनिक बल (पैरामिलिट्री) रैपिड सपोर्ट फोर्सेज़ (Rapid Support Forces - RSF) के बीच 15 अप्रैल 2023 से चल रहा युद्ध अभी भी जारी है। इस युद्ध को 30 महीने से ज़्यादा समय हो चुका है और इस वजह से अब तक देश में काफी तबाही मच चुकी है। जान-माल का भारी नुकसान हो चुका है। देश के कई इलाकों पर सेना का तो कई इलाकों पर आरएसएफ का कब्ज़ा है। अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन की तरफ से कुछ समय पहले ही युद्धविराम का प्रस्ताव दिया था। सूडान की सेना ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, लेकिन अब आरएसएफ की इस मामले पर प्रतिक्रिया सामने आ गई है।
आरएसएफ ने हाल ही में अमेरिकी सीज़फायर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इस सीज़फायर प्रस्ताव को अरब देशों का समर्थन भी मिला हुआ है। देश में मानवीय संकट को देखते हुए यह सीज़फायर प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसके लिए आरएसएफ तैयार है। हालांकि सेना इस पर सहमति जताएगी या नहीं, फिलहाल इस बारे में कहा नहीं जा सकता।
सूडान में सेना और आरएसएफ के बीच एक छोटी सी बात पर युद्ध शुरू हुआ था। दरअसल आरएसएफ चाहता था कि उन्हें देश की सेना में शामिल किया जाए और आर्मी का दर्जा दिया जाए। पर सूडान की सेना इसके खिलाफ थी। इसी वजह से दोनों पक्षों में खूनी जंग छिड़ी थी जो अभी भी जारी है।
सूडान में इस युद्ध की वजह से हुई मौतों का अलग-अलग आंकड़ा पेश किया जा रहा है, पर इस युद्ध में 1.5 लाख से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इनमें सिर्फ सेना और आरएसएफ के सदस्य नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में निर्दोष नागरिक भी हैं। मौतों की वजह हमलों के साथ ही कुपोषण, बीमारियाँ, सही इलाज न मिलना भी है, जो युद्ध से ही जुड़ी हुई हैं।
सूडान में युद्ध के बाद वहाँ मौजूद भारतीयों के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई थी। ऐसे में भारतीय सरकार (Indian Government) ने 'ऑपरेशन कावेरी' (Operation Kaveri) चलाते हुए 3,862 भारतीय नागरिकों को सूडान से सुरक्षित निकाला था। यह ऑपरेशन 24 अप्रैल 2023 को शुरू हुआ था और 5 मई 2023 को समाप्त हुआ था।