रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के गाजा पीस प्लान को चुनौती देते हुए अपना खुद का प्रस्ताव पेश किया है। इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फोन पर बातचीत की है।
रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में प्रस्तावित गाजा पीस प्लान को चुनौती दे दी है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की फोन पर बातचीत भी हुई है।
मॉस्को और यरूशलम ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की है। पुतिन की पहल पर शनिवार को दोनों नेताओं की बातचीत हुई। इजरायली मीडिया ने बताया कि पुतिन और नेतन्याहू ने मिडिल ईस्ट को लेकर फोन पर चर्चा की।
उधर, रूस की तरफ से बताया गया कि दोनों नेताओं ने संघर्ष विराम के बीच गाजा पट्टी में हालिया घटनाक्रम, ईरान के परमाणु कार्यक्रम की स्थिति और सीरिया में स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों पर चर्चा की।
पीएम नेतन्याहू के कार्यालय के हवाले से इजराइली मीडिया ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत की इच्छा जताई थी। इससे पहले क्षेत्रीय मुद्दों पर कई बातचीत हुई थी।
बता दें कि रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा को लेकर अपना प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना को पारित करने के अमेरिकी प्रयास को चुनौती दी। इसके कुछ दिनों के बाद ही दोनों नेताओं के बीच फोन पर बात हुई है।
इजराइली मीडिया के अनुसार, गाजा को लेकर रूस ने जो प्रस्ताव दिया है, वह अमेरिकी पीस प्लान से काफी अलग है। रूस के प्रस्ताव में कहा गया कि कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों की स्थिति क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है।
वहीं रूस के इस प्लान में ऐसी कई मांगों को भी रखा गया है, जिसमें इजराइली सुरक्षा को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के प्रवक्ता ने कहा था कि रूसी योजना ऐसे समय में विभाजन पैदा करने का एक प्रयास है।
इसके गाजा में फिलिस्तीनियों के लिए गंभीर और ठोस परिणाम होंगे और यह पूरी तरह से टाला जा सकता है। युद्धविराम नाज़ुक है और हम सुरक्षा परिषद से एकजुट होकर तत्काल आवश्यक शांति सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ने का आह्वान करते हैं।
इजरायली मीडिया के अनुसार इससे पहले अगस्त में दोनों नेताओं की बात हुई थी। इस दौरान रूस और इजरायल कई अलग-अलग मुद्दों को सुलझाने के लिए साथ काम कर रहे थे। वहीं अगस्त में हुई टेलीफोनिक बातचीत में दोनों नेताओं ने सीरिया और ईरान से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।