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यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई क्यों नहीं हो रही खत्म, कौन से देश भड़का रहे आग ?

Russia Ukraine fossil fuel revenue: रूस ने यूक्रेन युद्ध के दौरान जीवाश्म ईंधन से 973 अरब डॉलर की कमाई की, जो यूक्रेन को दी गई पश्चिमी मदद से तीन गुना ज़्यादा है।

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May 30, 2025
रूस-यूक्रेन जंग में पश्चिम की दोहरी भूमिका निभा रहा है। (फोटो:ANI)

Russia Ukraine fossil fuel revenue: रूस-यूक्रेन युद्ध ( Russia- Ukraine War) अपने चौथे साल में पहुंच गया है, और अब सामने आए वित्तीय आंकड़े (Russia Ukraine war revenue) चौंकाने वाले हैं। रूस ने इस युद्ध के दौरान तेल और गैस के निर्यात (Energy trade in war) से 973 अरब डॉलर (883 अरब यूरो) की कमाई की है -जो यूक्रेन को पश्चिमी देशों की ओर से दी गई कुल सहायता से तीन गुना अधिक है। सबसे विस्फोटक बात यह है कि इस धन में से 228 अरब यूरो उन देशों से आया है जिन्होंने खुद रूस पर ऊर्जा प्रतिबंध (Western sanctions on Russia) लगाने का दावा किया था, जिसमें यूरोपीय संघ, अमेरिका और ब्रिटेन भी शामिल हैं। विशेषज्ञ इसे “पश्चिम की दोहरी रणनीति” कह रहे हैं, जो एक तरफ यूक्रेन को हथियार और सहायता भेज रहा है, और दूसरी ओर रूस की “वॉर इकॉनमी” को ईंधन दे रहा है।

क्यों बना रूस का ईंधन व्यापार युद्ध का इंजन ?

रूस के लिए तेल और गैस की बिक्री राजस्व का लगभग एक-तिहाई और कुल निर्यात का 60% से अधिक हिस्सा है। फरवरी 2022 में पूर्ण हमले की शुरुआत के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने रूसी तेल और गैस पर प्रतिबंध तो लगाए, लेकिन यूरोपीय संघ ने गैस पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया।

हंगरी, स्लोवाकिया और तुर्की के रास्ते यूरोप को दी जा रही गैस शामिल

CREA (Centre for Research on Energy and Clean Air) के अनुसार, रूस को सबसे अधिक लाभ यूरोपीय संघ के देशों से हुआ, जहां से 209 अरब यूरो की कमाई हुई। इनमें हंगरी, स्लोवाकिया और तुर्की के रास्ते होते हुए यूरोप को दी जा रही गैस शामिल है, जिसमें 2025 की शुरुआत में 26.77% की वृद्धि दर्ज की गई।

यूक्रेन अब भी लड़ रहा है, लेकिन संसाधनों में पीछे

दूसरी ओर, यूक्रेन को अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों से मिली सहायता कुल रूसी ऊर्जा राजस्व का एक तिहाई भी नहीं है। विश्लेषकों का कहना है कि इस असमानता ने युद्ध की अवधि को बढ़ाया है और रूस को वित्तीय शक्ति के साथ सैन्य बढ़त दी है।

अभियानकर्ताओं की चेतावनी: "रोकें ये ऊर्जा आय!"

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और शांति अभियान समूहों ने पश्चिमी देशों से मांग की है कि वे रूसी जीवाश्म ईंधन की खरीद को पूरी तरह बंद करें। वे कहते हैं कि जब तक यह आर्थिक जीवनरेखा बंद नहीं होती, तब तक युद्ध को समाप्त करना कठिन है।

(एक्सक्लूसिव इनपुट क्रेडिट: सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA)।)

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