Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन जंग के चलते क्राइमिया पर हमले के बाद रूस के बड़े एक्शन और खारकीव में ग्लाइडिंग बम से हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi )जुलाई में रूस जा सकते हैं।
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन जंग के चलते भारत और रूस अपनी पुरानी दोस्ती निभाते हुए एक दूसरे से मिलेंगे। पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) की आगामी रूस यात्रा की व्यवस्था कर रहे हैं। एक राजनयिक सूत्र ने संकेत दिया कि पीएम मोदी का दौरा जुलाई में हो सकता है।
जानकारी के अनुसार, क्रेमलिन ने पहले मार्च में घोषणा की थी कि मोदी को रूस की यात्रा के लिए एक निमंत्रण मिला है, जिससे पुष्टि होती है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Putin) के बीच एक बैठक होने वाली है।
पुतिन ने इस साल मई में लगातार पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, जबकि नरेंद्र मोदी ने भी 9 जून को लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। रूसी राष्ट्रपति ने पहले एक आधिकारिक बयान में कहा, "रूसी राष्ट्रपति ने हाल के आम संसदीय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की सफलता पर नरेंद्र मोदी को हार्दिक बधाई दी है।"
यदि यात्रा होती है, तो यह 2019 के बाद से पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा होगी, और फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद भी पहली यात्रा होगी। राष्ट्रपति पुतिन ने आखिरी बार 2021 में वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली का दौरा किया था, जो पिछले दो वर्षों में आयोजित नहीं हुआ है।
पीएम मोदी ने आखिरी बार 16 सितंबर, 2022 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन ( SCO) शिखर सम्मेलन के मौके पर पुतिन से मुलाकात की थी, जब उन्होंने यूक्रेन संघर्ष को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर चलने का आह्वान किया था।
अमरीका और अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते रणनीतिक और सुरक्षा संबंधों के बावजूद, भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने से परहेज किया है। भारत ने अमरीका के शुरुआती दबाव के बावजूद रूसी कच्चे तेल की खरीद भी बढ़ा दी और कहा कि घरेलू तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इस तरह के कदम की आवश्यकता है। हालांकि, भारत ने बार-बार यूक्रेन संघर्ष में शत्रुता समाप्त करने और स्थायी समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की वकालत की है।