Saudi Arabia Alcohol Ban 2025: सऊदी अरब में शराब पर से प्रतिबंध हटाने की अफवाहों पर विराम लग गया है।
Saudi Arabia Alcohol Ban 2025: ईदुल-जुहा ( Eid-Al-Adha) व हज का महीना नजदीक है और ऐसे में इबादतगुजारों के लिए जो खबर आ रही है, वह निहायत अफसोसनाक है कि अरब में शराब पीने से पाबंदी हट गई है, लेकिन अब सऊदी अरब में शराब पर 73 साल पुराना प्रतिबंध हटाने की खबरों को लेकर हाल ही में जो हलचल मची है, उस पर अब विराम लग गया है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है। यह स्पष्टीकरण तब आया है, जब एक अंतरराष्ट्रीय वाइन ब्लॉग ने दावा किया कि सऊदी अरब, 2034 फ़ीफा विश्व कप की मेज़बानी के मद्देनज़र, शराब की नियंत्रित बिक्री की योजना बना रहा है।
सोमवार को जारी बयान में कहा गया, “इस तरह की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं। शराब पर प्रतिबंध अब भी कायम है और इसमें किसी भी तरह की ढील की कोई योजना नहीं है।” हालांकि, पिछले साल राजधानी रियाद में एक खास शराब की दुकान खोली गई थी, लेकिन उसका दायरा बहुत सीमित है। यह दुकान सिर्फ गैर-मुस्लिम राजनयिकों के लिए खुली है और आम जनता के लिए नहीं।
इस अफवाह की जड़ें उस रिपोर्ट में थीं, जिसमें कहा गया था कि सऊदी अरब विश्व कप के दौरान विदेशी पर्यटकों के लिए शराब की सीमित बिक्री की अनुमति देने पर विचार कर रहा है, लेकिन चूंकि इस रिपोर्ट में किसी भरोसेमंद स्रोत का ज़िक्र नहीं था, इसलिए इसकी विश्वसनीयता पहले दिन से ही संदिग्ध रही।
सऊदी समाज, जहां राजा को मक्का और मदीना की पवित्र मस्जिदों का संरक्षक माना जाता है, वहां ऐसी खबरें स्वाभाविक रूप से बड़ी बहस का कारण बनती हैं। सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया था, लेकिन सरकारी खंडन के बाद अब स्थिति शांत होती दिख रही है।
हाल ही में एक इंटरनल पॉलिसी ड्राफ्ट सोशल मीडिया पर लीक हुआ, जिसमें कुछ "स्पेशल ज़ोन" में विदेशी पर्यटकों के लिए अल्कोहल-फ्री बियर और वाइन रिप्लेसमेंट की अनुमति पर चर्चा की बात सामने आई थी। हालांकि, सऊदी सरकार ने इस ड्राफ्ट को "असत्यापित और कार्यान्वयन से कोसों दूर" बताया है।
हाल के वर्षों में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने देश में कई साहसिक सामाजिक और आर्थिक सुधार लागू किए हैं। महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति, धार्मिक पुलिस की ताकत में कटौती और सार्वजनिक जीवन में लैंगिक समानता की दिशा में कदम उठाए गए हैं, लेकिन शराब पर प्रतिबंध अब भी देश की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा बना हुआ है।
भविष्य की दिशा का अंदाज़ा लगाना कठिन है, लेकिन फिलहाल सऊदी अरब शराब पर अपने पारंपरिक रुख पर कायम है। अधिकारियों का साफ संदेश है -"पर्यटन बढ़ाना है, लेकिन अपने मूल्यों से समझौता नहीं।"
सऊदी सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर प्रतिक्रियाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। एक ट्विटर यूज़र ने लिखा,"अगर शराब आएगी, तो संस्कृति जाएगी।," वहीं कुछ ने सवाल उठाए: "2034 तक क्या और भी 'सुधारों' की तैयारी है?" यूथ वर्ग में थोड़ी उत्सुकता देखी गई, लेकिन पारंपरिक और धार्मिक वर्ग ने इसे "खतरनाक सांस्कृतिक विचलन" बताया।
2034 वर्ल्ड कप से पहले सऊदी अरब को अंतरराष्ट्रीय मानकों को लेकर और भी दबाव झेलना पड़ सकता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य और धार्मिक संगठनों की भूमिका इन फैसलों में निर्णायक साबित हो सकती है। अगर कोई बदलाव होगा भी, तो वह "सीमित, नियंत्रित और गैर-मुस्लिम ज़ोन" में ही होगा -और वह भी व्यापक लोक समर्थन के बिना संभव नहीं।
सऊदी के कई नागरिक मानते हैं कि शराब का मुद्दा सिर्फ "पीने" तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की धार्मिक पहचान, सामाजिक नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय छवि से जुड़ा हुआ सवाल है। कुछ अर्थशास्त्री मानते हैं कि अगर विदेशी पर्यटकों को सीमित मात्रा में शराब की सुविधा मिलती है, तो इससे हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म सेक्टर में बड़ा उछाल आ सकता है।
एक्सक्लूसिव इनपुट के लिए क्रेडिट: इस स्टोरी में इस्तेमाल की गई इनसाइट्स और पॉलिसी ड्राफ्ट की जानकारी मिडल ईस्ट मॉनिटरिंग डेस्क और सऊदी पब्लिक अफेयर्स जर्नल के एक रिपोर्टर से मिली, जिन्होंने नाम न जाहिर करने की शर्त पर ये एक्सक्लूसिव अपडेट दिए।