Saudi Arabia Flood: 2022 के बाद ये पहला मौका है जब इतने भयानक स्तर पर सऊदी अरब के कई शहर पानी में डूबे हुए हैं। यहां के पवित्र स्थलों में शामिल मक्का-मदीना तक बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
Saudi Arabia Flood: दुनिया में जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा है। जो देश पानी की बूंद-बूंद को तरसते थे वो अब पानी के सैलाब में तैर रहे हैं। जी हां, भारी बारिश के बाद सऊदी अरब के वो इलाके भीषण बाढ़ की चपेट में हैं, जिनका नाम सुनकर रेगिस्तान (Saudi Arabia desert) की तस्वीर उभरती है। लेकिन सोमवार से तूफान के साथ हो रही भारी बारिश और ओलावृष्टि के बाद मक्का (Mecca), मदीना, कासिम, ताबुक और अल जौफ सहित कई शहरों में बाढ़ आ गई। जिससे जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया हुआ है। इतना ही नहीं बुधवार के लिए भी भारी बारिश (Heavy Rain Alert) का अलर्ट जारी किया हुआ है।
सऊदी अरब के पर्यावरण, जल और कृषि मंत्रालय के मुताबिक अल शफियाह में सबसे ज्यादा 49.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गर्ठ, इसके बाद जेद्दा (Jeddah) में अल असातीन में 38 मिमी और मदीना में केंद्रीय हरम क्षेत्र में 36.1 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बुधवार को भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन ने चेतावनी जारी कर लोगों को घरों के अंदर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। कई स्थानों पर आवाजाही रोक दी गई है और स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।
बारिश में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका अल-उला और अल-मदीना है। अल-मदीना में मुस्लिमों का सबसे पवित्र स्थल मस्जिद-ए-नबवी है, जहां का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मस्जिद के अंदर तेज बारिश के साथ पानी भरा हुआ दिख रहा है।
पिछले साल अप्रैल महीने में UAE का दुबई बाढ़ में डूब गया था। इस कारण भी जलवायु वैज्ञानिकों ने ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से हो रहा जलवायु परिवर्तन बताया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु विज्ञानी और ग्रांथम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट चेंज (Grantham Institute for Climate Change) के प्रोफेसर ओटो ने कहा था कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ओमान और दुबई में हुई बारिश इंसानों की गलतियों से पैदा हुए ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज की वजस से हो रही है। ये बारिश भी 1949 में डेटा कलेक्टिवटी की शुरुआत के बाद से आंकड़ों में दर्ज बारिश के मुताबिक अब तक की सबसे ज्यादा और भीषण बारिश थी।
इससे पहले साल 2022 में सऊदी अरब के तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए थे। 23 दिसंबर को मूसलाधार बारिश के चलते मक्का में बाढ़ आ गई थी, जिससे दूसरे शहर भी प्रभावित हुए थे। इसमें सबसे ज्यादा कहर जेद्दा पर टूटा था। इस बाढ़ में 2 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग प्रभावित हुए थे। आलम ये था कि उड़ाने रद्द करनी पड़ी थी, स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़े थे, यहां तक कि मक्का को जाने वाला मेन रोड तक बंद करना पड़ा था।