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अंटार्कटिका में बर्फ़ में कैसे पहुंचा माइक्रो प्लास्टिक ? वैज्ञानिक हैरान हैं कि ऐसा कैसे हुआ ?

Microplastics in Antarctica: अंटार्कटिका के दूरस्थ क्षेत्रों में माइक्रोप्लास्टिक के कण पाए गए हैं, जो प्लास्टिक प्रदूषण के वैश्विक फैलाव को दर्शाते हैं। यह शोध पृथ्वी के किसी भी कोने को प्लास्टिक से मुक्त नहीं होने का संकेत देता है।

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Feb 09, 2025
Microplastics in Antarctica

Microplastics in Antarctica: ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण (BAS) के शोधकर्ताओं ने अंटार्कटिका के कुछ दूरस्थ स्थानों से बर्फ में माइक्रोप्लास्टिक (microplastics) खोज लिए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब प्लास्टिक के छोटे कण इतने दुर्गम स्थानों पर मिले हैं।शोधकर्ताओं (researchers) ने अपने शोध में अंटार्कटिका (Antarctica) के दक्षिणी ध्रुव के दो सुदूर क्षेत्रों, यूनियन और शैन्ज ग्लेशियर के तीन फील्ड कैम्पों से एकत्र नमूनों का विश्लेषण किया है। इनमें ज्यादातर कण 50 मइक्रोमीटर से भी छोटे थे, जो मानव कोशिकाओं के आकार के बराबर हैं। शुरुआती विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया है कि ये माइक्रोप्लास्टिक स्थानीय स्रोतों से यहां तक पहुंचे हैं।

कड़े नियमों के बावजूद माइक्रोप्लास्टिक का होना चिंताजनक

बीएएस की डॉ. क्लारा मैन्नो के मुताबिक माइक्रोप्लास्कि बाहरी कपड़ों, शिविर के अंदर और आसपास सुरक्षित मार्गों को चिह्नित करने के लिए रस्सियों और झंडों के माध्यम से आया होगा। जबकि अध्ययन की सह लेखिका डॉ. क्रिस्टी जोन्स ने बताया, अंटार्कटिका में लाई जाने वाली सामग्रियों पर कड़े नियमों के बावजूद माइक्रोप्लास्टिक का होना चिंताजनक है। यहां माइक्रोप्लास्टिक का मिलना यह दर्शाता है कि पृथ्वी पर कोई भी जगह प्लास्टिक प्रदूषण से अछूता नहीं है। चिंता की बात यह है कि अभी तक माइक्रोप्लास्टिक के स्रोतों का सही पता नहीं चल पाया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि माइक्रोप्लास्टिक के कारण बर्फ ज्यादा तेजी से पिघल सकती है और यह बर्फीले जीवों की जान को खतरा बन सकता है।

Published on:
09 Feb 2025 11:18 am
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