पिछले साल बांग्लादेश में हुए तख्तापलट ने सभी को चौंका दिया था। शेख हसीना को पीएम पद के साथ देश भी छोड़ना पड़ा था। अब उनके एक करीबी ने बांग्लादेश में तख्तापलट की साजिश से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है।
बांग्लादेश (Bangladesh) में पिछले साल बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो गया था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को पीएम पद और देश छोड़कर भागना पड़ा था। बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के चलते 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना को अपनी बहन शेख रेहाना (Sheikh Rehana) के साथ बांग्लादेश छोड़ना पड़ा और वह भारत (India) आ गई थीं। तभी से वह भारत सरकार की शरण में रह रही हैं। शेख हसीना के जाने के बाद मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। उसी समय से ये कयास लगाए जा रहे थे कि बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे अमेरिका (United States Of America) का हाथ है। हालांकि अब इस बारे में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हो गया है।
शेख हसीना के करीबी और पूर्व बांग्लादेशी मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने पिछले साल देश में हुए तख्तापलट के बारे में बड़ा खुलासा किया है। हसन ने बताया कि शेख हसीना की सरकार गिराने और बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन (Bill Clinton) के परिवार का हाथ था। गौरतलब है कि यूनुस उस समय अमेरिका में ही रह रहे थे और क्लिंटन परिवार के साथ ही तत्कालीन जो बाइडन सरकार से भी उनके अच्छे संबंध थे। ऐसे में यूनुस और क्लिंटन परिवार ने साथ मिलकर साजिश की और बांग्लादेश में तख्तापलट करवा दिया। इसके बाद यूनुस को वापस बांग्लादेश भेजकर अंतरिम सरकार के लीडर नियुक्त करवाया गया।
हसन ने बताया कि अमेरिकी एजेंसी USAID की फंडिंग का इस्तेमाल बांग्लादेश में तख्तापलट के लिए किया गया। इसके अलावा इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट नाम का एनजीओ भी शेख हसीना की सरकार के खिलाफ साजिश में शामिल था। यूनुस और क्लिंटन परिवार ने USAID फंडिंग और इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट एनजीओ का इस्तेमाल करते हुए बांग्लादेश में तख्तापलट करवाया। हसन ने बताया कि 2018 से ही शेख हसीना की सरकार के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही बांग्लादेश और अन्य देशों की दी जाने वाली USAID फंडिंग पर रोक लगा दी थी।