Bangladesh: प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग पर बैन लगाने की मांग करते हुए उनके पिता मुजीबुर्रहमान के आवास का पहले गेट तोड़ा और फिर परिसर में घुसकर काफी तोड़-फोड़ मचाई और फिर घर को आग के हवाले कर दिया।
Bangladesh: बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। हिंसक भीड़ ने बुधवार आधी रात को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) के घर पर तोड़फोड़ मचाकर पूरे उसे आग के हवाले कर दिया है। ये घटना तब हुई जब बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ऑनलाइन अपना भाषण देने वाली थीं। वहीं शेख मुजीबुर्रहमान के घर में आग लगाने का वीडियो भी सामने आया है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग (Awami league) पर बैन लगाने की मांग करते हुए शेख हसीना के पिता मुजीबुर्रहमान के आवास का पहले गेट तोड़ा और फिर परिसर में घुसकर काफी तोड़-फोड़ मचाई और फिर घर को आग के हवाले कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा भड़कने से पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा गया था कि अगर शेख हसीना भाषण देती हैं तो ढाका के धनमंडी-32 स्थित शेख मुजीबुर रहमान के आवास की तरफ बुलडोजर जुलूस निकाला जाएगा। इसी के मुताबिक बुधवार रात 10.45 बजे (स्थानीय समय) शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के घर को गिराने के लिए एक खुदाई करने वाली मशीन लाई गई थी। इससे पहले रात 8 बजे के आसपास ही प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
अपने पिता के घर पर इस हिंसा को लेकर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने बयान दिया है। शेख हसीना ने कहा है कि ये लोग ऐसा करके किसी ढांचे को मिटा सकते हैं लेकिन इतिहास को नहीं मिटाया जा सकता। उन्होंने कहा कि “एक घर से क्यों डरना? मैं बांग्लादेश के लोगों से न्याय चाहती हूं। क्या मैंने अपने देश के लिए कुछ नहीं किया? फिर इतना अपमान क्यों? मेरी बहन और मैं जिस एकमात्र याद से जुड़े हैं, उसे मिटाया गया। लेकिन एक ढांचे को मिटाया जा सकता है, लेकिन इतिहास को नहीं मिटाया जा सकता। उन्हें याद रखना चाहिए इतिहास अपना बदला जरूर लेता है।”
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान का ये घर बांग्लादेश के इतिहास का एक प्रतिष्ठित प्रतीक था। मुजीबुर ने सालों तक बांग्लादेश की आजादी का आंदोलन इसी आवास से किया था। फिर शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान इस घर को एक संग्रहालय में बदल दिया गया था।
बांग्लादेश में इस हिंसक घटना के कुछ घंटे बाद बांग्लादेश के गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार प्रत्यर्पण संधि के तहत अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और दूसरे पार्टी नेताओं को भारत लाने की हर संभव कोशिश कर रही है।