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पाकिस्तान में शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दंगा, 100 से ज्यादा लोगों की मौत 

Pakistan: पाकिस्तान में पिछले दिनों शिया मुसलमानों पर बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद शिया मुसलमानों सुन्नी समुदाय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और दंगे शुरू हो गए थे।

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Shia And Sunni Muslim Violence in Pakistan more than 100 killed

Pakistan: पाकिस्तान में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच भड़के दंगे में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले के अस्पताल प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया है, घायल लोगों के इलाज की दौरान मौत हो रही है, जिससे 28 नवंबर तक मरने वालों का कुल आंकड़ा 100 से ऊपर पहुंच गया है। वहीं खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) की सरकार और प्रशासन दोनों समुदाय से शांति की अपील कर रहे हैं। हालांकि दोनों ही पक्षों ने समझौता कर लिया था लेकिन इसके बावजूद दंगे भड़कने लगे।

शिया समुदाय के लोगों पर आतंकी हमले के बाद भड़के दंगे

दरअसल ये हिंसा बीती 21 नवंबर को खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों पर आतंकवादी हमले के बाद भड़की है। अपने समुदाय के लोगों के मारे जाने से भड़के शिया समुदाय ने पहले तो पुलिस चौकियों को निशाना बनाया और फिर सुन्नी समुदाय के लोगों पर हमले शुरू कर दिए, इसके जवाब में सुन्नी समुदाय ने भी हमला किया। इस तरह से शुरू हुए ये दंगे बढ़ते-बढ़ते इतना बढ़ गया कि इसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 

इन हिंसक घटनाओं के चलते खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम के डिप्टी कमिश्नर जावेदउल्लाह महसूद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि शांति समझौते का दूसरा रास्ता निकाला गया है जिसमें कुर्रम से सटे जिलों के बुजुर्गों को बुलाया जाएगा और बातचीत के जरिए शांति कराई जाएगी। 

21 नवंबर को हुआ था हमला, अब तक किसी ने नहीं ली जिम्मेदारी

बीती 21 नवंबर को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया समुदाय के लोगों की बसों और कारों पर आतंकी हमला हुआ था। इस आतंकी हमले हमले के प्रदत्क्षदर्शी मीर हुसैन ने मीडिया को बताया था कि उन्होंने चार बंदूकधारियों को एक वाहन से निकलते और बसों और कारों पर गोलीबारी शुरू करते देखा। गोलीबारी लगभग 40 मिनट तक चलती रही। उन्होंने कहा, मैंने महिलाओं की चीखें सुनीं, लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। सुन्नी बहुल पाकिस्तान में शिया मुसलमान लगभग 15 प्रतिशत हैं, जिसका समुदायों के बीच सांप्रदायिक दुश्मनी का इतिहास रहा है। गौर करने वाली बात ये है कि इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली है।

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