BRICS 2024: ब्रिक्स समिट के बहाने भारत और चीन के बीच दोस्ती दोनों देशों के लिए विकास और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
BRICS 2024 : ब्रिक्स समिट से पहले भी भारत ( India) और चीन ने विभिन्न मुद्दों पर संवाद को बनाए रखने के लिए कई उच्च स्तरीय बैठकें की हैं, जिससे दोनों देशों के बीच समझदारी बढ़ी है। ब्रिक्स ( BRICS ) एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। भारत और चीन (China) के बीच दोस्ती के कुछ खास बातें शामिल हैं। भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंध (india china relations ) लगातार बढ़ रहे हैं। दोनों देश आपसी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। वहीं दोनों देश विकास परियोजनाओं में सहयोग करते हैं, जैसे कि बुनियादी ढांचे में सुधार और तकनीकी नवाचार पर सहयोग करते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( PM Modi ) व विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ और चीन के चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ( Xi jinping) के बीच वार्ताओं के दौर (Modi Jinping Meeting ) से दोनों देशों के रिश्ते मधुर हुए हैं।
अब चर्चा यह है कि मोदी की यात्रा से भारत और चीन में दोस्ती तो हुई है, लेकिन क्या यह जिनपिंग की मजबूरी है या हकीकत में उनका हृदय परिवर्तन हुआ है। ब्रिक्स के मंच पर भारत और चीन जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर एकजुट होकर काम करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत हो रहे हैं, जिससे एक-दूसरे की संस्कृति और परंपराओं को जानने का अवसर मिलता है।
भारत और चीन के बीच दोस्ताना संबंधों की शुरुआत 1 अप्रैल, 1950 को हुई थी, जब दोनों देशों ने राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। भारत, चीन के जनवादी गणराज्य के साथ संबंध स्थापित करने वाला पहला गैर-साम्यवादी देश था। भारत और चीन ने साल 1954 में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पांच सिद्धांतों यानी पंचशील पर सहमति जताई थी। भारत और चीन के बीच व्यापार और विश्वास बहाली को मज़बूत करने में पंचशील समझौते का अहम योगदान रहा था।
भारत और चीन के बीच सैन्य संबंधों को मज़बूत करने के लिए, दोनों देश सालाना संयुक्त युद्धाभ्यास करते हैं। हालांकि भारत और चीन के बीच सीमा विवादों को लेकर कई चुनौतियां हैं, लेकिन सीमा पर नदियां, झीलें, और बर्फ़ की चोटियां होने की वजह से रेखा बदल सकती है, जिससे टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। भारत और चीन के बीच सीमा विवादों को सुलझाने के लिए, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं जारी रहती हैं। भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए, दोनों देश आर्थिक, सांस्कृतिक, और व्यापारिक संबंधों को मज़बूत करने की कोशिश कर रहे हैं।