Sunita Williams’ Return To Earth: सुनीता विलियम्स धरती पर वापस लौट आई हैं। उन्हें धरती पर वापस आने में करीब 17 घंटे का समय लगा, लेकिन 9 महीने के इंतज़ार के बाद आख़िरकार सुनीता और अन्य एस्ट्रोनॉट्स की धरती पर वापसी हो गई है। हालांकि वापसी के बाद उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कैसे? आइए जानते हैं।
भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) अंतरिक्ष में 9 महीने से भी ज़्यादा समय बिताकर धरती पर लौट आई हैं। सुनीता और बुच विल्मोर (Butch Wilmore) को नासा (NASA) की तरफ से 5 जून, 2024 को अंतरिक्ष में भेजा गया था और तब से दोनों वहीं फंसे हुए थे, लेकिन आज दोनों की धरती पर वापसी हो गई है। दोनों के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) पर निक हेग (Nick Hague) और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव (Aleksandr Gorbunov) भी थे और वो दोनों भी धरती पर लौट आए हैं। चारों एस्ट्रोनॉट्स को एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस रिसर्च कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के ड्रैगन कैप्सूल (Dragon Capsule) से धरती पर वापस लाया गया, जो मंगलवार, 18 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती के लिए रवाना हुआ था और करीब 17 घंटे का सफर तय करके आज, बुधवार, 19 मार्च को तड़के सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा (Florida) में स्प्लैशडाउन (Splashdown) हुआ। सुनीता धरती पर लौट तो आई हैं, लेकिन उन्हें और अन्य एस्ट्रोनॉट्स को अब कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार एस्ट्रोनॉट्स को 'बेबी फीट' नाम की कंडीशन का सामना करना पड़ सकता है, जिससे पैर, बच्चों की तरह काफी संवेदनशील हो सकते हैं और एस्ट्रोनॉट्स को चलने में परेशानी हो सकती है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अंतरिक्ष में इतने समय से रहने के कारण एस्ट्रोनॉट्स की हड्डियाँ भी कमज़ोर हो गई हैं, जिससे हड्डियों के टूटने और फ्रैक्चर होने का भी जोखिम है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण एस्ट्रोनॉट्स को संतुलन बनाने, खड़े होने में भी परेशनी हो सकती है।
एस्ट्रोनॉट्स के शरीर में मिनरल्स की भी कमी हो गई है, जो अंतरिक्ष में इतना लंबा समय बिताने का नतीजा है। ऐसे में दोनों को वापस धरती के वातावरण के अनुकूल ढलने में समय लगेगा।