तालिबान ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वह कोई भी हमला करता है तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा। तालिबान ने शांतिवार्ता फेल होने का आरोप पाकिस्तान पर लगाया है।
Pakistan Taliban Talks Fail: तुर्किए के इंस्ताबुल में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी शांतिवार्ता फेल हो गई। इस पर अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने कहा कि अगर पाकिस्तान जंग ही चाहता है तो वही सही। हम इसके लिए तैयार हैं। वहीं, कंधार में दोनों देशों के बीच सैन्य झड़प के बाद एकबार फिर जंग के बादल छाने लगे हैं।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की धमकियों के बाद तालिबान ने कहा कि पाकिस्तान के गैरजिम्मेदाराना बर्ताव और अड़ियल रवैये की वजह से शांति वार्ता अनिश्चित दौर में चली गई है। तालिबान ने कहा कि वह किसी तीसरे देश के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा और न ही अपनी संप्रभुता और आजादी पर आंच आने देगा। तालिबान ने कहा कि अपने लोगों और जमीन की रक्षा करना उसका इस्लामी और राष्ट्रीय कर्तव्य है।
तालिबान ने कहा कि पाकिस्तान के मुस्लिम उसके भाई हैं, लेकिन वह अपनी हदों में रहकर ही सहयोज कर सकता है। तालिबान इस्लामाबाद के लिए पुलिस एजेंट के तौर पर काम नहीं करेगा। वह कोई ऐसा वादा नहीं करेगा जिनका इस्तेमाल विदेशी दखल को सही ठहराने के लिए किया जा सके।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बीते दिनों कहा कि हमें लगा पाकिस्तान व्यावहारिक और लागू करने लायक शर्तें रखेगा, जिससे समस्या का हल निकाला जा सके। पाकिस्तानी लोग हमारे भाई और दोस्त हैं, लेकिन किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तान का कहना है कि तालिबान ने 2021 के दोहा शांति समझौते में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किए वादों को पूरा नहीं किया। पाकिस्तान का मानना है कि काबुल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे समूहों को पनाह दे रहा है, जिसने पाकिस्तान में हमले किए हैं।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष 9 अक्टूबर को शुरू हुआ था, जब इस्लामाबाद ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर हमला किया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर आ गया। पाकिस्तान और अफगानिस्ता को बांटने वाली डूरंड लाइन के पास सैन्य झड़प में दोनों देशों के 50 से अधिक लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए।