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पाकिस्तान में आतंकी हमलों में तेज़ी, 2025 में अब तक 2,414 लोगों की मौत KP-बलूचिस्तान सबसे प्रभावित

खैबर पख्तूनख्वा में हाल के हफ्तों में आतंकवादी हमले तेज़ हुए हैं, जिनमें सुरक्षा बलों और नागरिकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। CRSS रिपोर्ट के अनुसार 2025 में हिंसा में 58% बढ़ोतरी हुई है, जिसमें ज़्यादातर घटनाएं KP और बलूचिस्तान में हुई है।

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Nov 25, 2025
पाकिस्तान में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी (IANS)

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी गतिविधियां एक बार फिर तेज़ हो गई हैं। मंगलवार को बन्नू जिले के डोमेल क्षेत्र में लिंक रोड पर सशस्त्र हमलावरों ने सुरक्षा बलों के वाहन पर गोलीबारी की, जिसमें एक सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल जवान को तुरंत बन्नू कैंटोनमेंट अस्पताल ले जाया गया।

सुरक्षा बलों और पुलिस ने चलाया ओपरेशन

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, हमले के बाद सुरक्षा बलों और पुलिस ने पूरे इलाके में संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें कई आतंकवादियों को मार गिराया गया और कुछ घायल हुए। इलाके की घेराबंदी कर भाग रहे हमलावरों की तलाश की जा रही है।

पिछले हफ्ते हुआ था आईईडी हमला

यह कोई अकेली घटना नहीं है। पिछले हफ्ते ही डेरा इस्माइल खान में पुलिस वैन पर रिमोट कंट्रोल आईईडी हमला हुआ था, जिसमें दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए और चार घायल हुए। इसके ठीक एक हफ्ते पहले डाराबन तहसील में आईईडी विस्फोट से सुरक्षा बलों का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था और 14 जवान घायल हुए थे।

2025 में हिंसा में 58% बढ़ोतरी

इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) की ताज़ा वार्षिक सुरक्षा रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आँकड़े पेश किए हैं:

  • जनवरी से सितंबर 2025 तक कुल 2,414 लोग मारे गए (2024 की समान अवधि में 1,527 थे → 58% बढ़ोतरी)
  • केवल तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में ही 901 मौतें और 599 घायल (पिछली तिमाही से 46% अधिक हिंसा)
  • कुल हिंसा का 96% से ज्यादा केवल दो प्रांतों — खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान — में हुआ
  • खैबर पख्तूनख्वा सबसे ज्यादा प्रभावित: कुल मौतों का 71% (638) और घटनाओं का 67% यहीं

CRSS का कहना है, “सुरक्षा बलों ने इस साल आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुँचाया है।” विशेषज्ञों का मानना है कि नवंबर 2022 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) द्वारा सरकार के साथ युद्धविराम खत्म करने के बाद से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हिंसा में लगातार इज़ाफा हो रहा है।

नागरिकों की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन जारी

पाकिस्तानी सुरक्षा बल इन हमलों के जवाब में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चला रहे हैं, लेकिन आम नागरिक और सुरक्षाकर्मी लगातार निशाने पर हैं। जानकारों का कहना है कि जब तक क्षेत्रीय और आंतरिक नीतियों में ठोस बदलाव नहीं होता, यह हिंसा का चक्र थमने वाला नहीं है।

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