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क़र्ज़ तले दबता जा रहा है बांग्लादेश, 78.06 बिलियन डॉलर का बक़ाया, जानिए इस रिपोर्ट में हुआ यह ख़ुलासा

Bangladesh debt crisis: बांग्लादेश पर बढ़ते क़र्ज़ संकट और जलवायु ऋण के कारण देश को सार्वजनिक सेवाओं पर खर्च में कटौती करनी पड़ रही है, जिससे विकास प्रभावित हो रहा है।

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Feb 20, 2025
Yunus and Hasina

Bangladesh debt crisis: बांग्लादेश इस समय भारी क़र्ज़ के बोझ तले दबता जा रहा है, वह 78.06 अरब डॉलर के विदेशी क़र्ज़ तले दबा हुआ है (Bangladesh debt crisi)। इसके साथ ही, अमीर, उच्च प्रदूषण वाले देशों पर बांग्लादेश (Bangladesh) का जलवायु ऋण (climate debt) बकाया है, जो 5.8 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है। इस संकट की कड़वी सच्चाई का हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है। एक्शनएड की एक नई रिपोर्ट के अनुसार जैसे-जैसे 54 देशों के सामने ऋण संकट (debt crisis) गंभीर रूप से बढ़ता जा रहा है। इन देशों को अपने बाहरी ऋणों का भुगतान करने के लिए बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं और जलवायु कार्यों पर खर्च में कटौती करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, 2024 में कम आय वाले देशों ने अपने ऋण चुकाने के लिए 138 बिलियन डॉलर का भुगतान किया, लेकिन इसके परिणामस्वरूप उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, लोगों के अधिकारों और सतत विकास की ओर खर्च में कटौती की। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस खुद नोबल पुरस्कार प्राप्त प्रमुख अर्थशास्त्री हैं और इस समय उनके सामने क़र्ज़ बहुत बड़ी चुनौती है।

बांग्लादेश पर अमीर देशों का 5.8 ट्रिलियन डॉलर का ऋण बकाया

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमीर, प्रदूषणकारी देशों पर निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों का जलवायु ऋण कुल मिलाकर 107 ट्रिलियन डॉलर है, जो इन देशों पर बकाया कुल विदेशी ऋण से 70 गुना अधिक है। बांग्लादेश का कुल विदेशी कर्ज 78.06 अरब डॉलर है, जबकि जलवायु क्षतिपूर्ति के रूप में बांग्लादेश पर अमीर देशों का 5.8 ट्रिलियन डॉलर का ऋण बकाया है। यह आंकड़ा 1960 से लेकर 1992 तक के अनुमानों के आधार पर लगाया गया है।

क़र्ज़ से स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु कार्यों पर प्रभाव

एक्शनएड की रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश ने सन 2023 में अपने कर्जदाताओं को 4.77 बिलियन डॉलर का भुगतान किया, जबकि 2024 में राष्ट्रीय राजस्व का 16.9% हिस्सा केवल विदेशी ऋण पुनर्भुगतान पर खर्च हुआ। इसके बावजूद, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए केवल 3.08% और शिक्षा के लिए 11.73% आवंटित किया गया। इस प्रकार, बांग्लादेश को विदेशी ऋण चुकाने के लिए सार्वजनिक सेवाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु कार्यों से संसाधन स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

एक अहम दस्तावेज़ है यह रिपोर्ट

बांग्लादेश की कंट्री निदेशक फराह कबीर ने इस रिपोर्ट को जलवायु परिवर्तन और कर्ज के बोझ के संदर्भ में एक अहम दस्तावेज़ बताया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को ऋण संकट और जलवायु परिवर्तन दोनों के प्रभावों से निपटने के लिए ऋण माफी और उपनिवेशी ऋण संरचनाओं से मुक्ति की आवश्यकता है। कबीर ने विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों पर जलवायु संकट के प्रभाव को भी रेखांकित किया है।

एक नया संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन बनाएं

इस रिपोर्ट में वैश्विक नेताओं से यह अपील की गई है कि वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के प्रभाव वाले वर्तमान ऋण ढांचे को बदलने के लिए एक नया संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन बनाएं। इसके साथ ही, जलवायु ऋण के आंशिक भुगतान और अमीर देशों से अन्य क्षतिपूर्ति के रूप में ऋण माफी की मांग की जाए। बांग्लादेश और अन्य कमजोर देशों के सामने बढ़ते वित्तीय संकट को देखते हुए, यह रिपोर्ट तुरंत वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता बताती है, ताकि ऋण और जलवायु संकट के समाधान के लिए एक नया रास्ता तैयार किया जा सके।

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