BREAKING:पिछले दो दशकों से अपनी भूमिका से इनकार करते रही पाकिस्तानी सेना ने आखिर कारगिल युद्ध Kargil War में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है।
BREAKING: पाकिस्तानी सेना ने 25 साल में पहली बार भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध (Kargil War)में पाकिस्तानी सेना की भूमिका स्वीकार की है, जहां पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
पाकिस्तानी सेना ( Pakistani Army) ने सार्वजनिक रूप से भारत के खिलाफ 1999 के कारगिल युद्ध में अपनी भागीदारी स्वीकार की है (BREAKING)। पाकिस्तान के रक्षा दिवस पर पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कारगिल में पाक सेना के जवानों की मौत को स्वीकार किया। इसे पहले कभी स्वीकार नहीं किया गया।
पाकिस्तान रक्षा दिवस स्मरणोत्सव कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर (General Asim Munir) ने यह स्वीकारोक्ति की, जहां उन्होंने कारगिल युद्ध सहित भारत के साथ विभिन्न संघर्षों में मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा, "चाहे 1948, 1965, 1971 या 1999 का कारगिल युद्ध हो, हजारों सैनिकों ने देश और इस्लाम के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।"
भारतीय सेना ने वायु सेना के समर्थन से मई 1999 में ऑपरेशन विजय शुरू किया और 26 जुलाई, 1999 को कारगिल की ऊंचाइयों को पुनः प्राप्त करने में सक्षम रही। युद्ध के दौरान पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में इस दिन को 'कारगिल विजय दिवस' के रूप में जाना जाता है। युद्ध में कुल 545 सैनिकों की जान गयी। तब से, भारत ने लगातार यह कहा है कि कारगिल संघर्ष पाकिस्तानी सेना द्वारा आक्रामकता का प्रत्यक्ष कार्य था।
जियो टीवी के मुताबिक, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सैनिकों के बलिदान को याद करने के लिए रक्षा और शहीद दिवस समारोह आयोजित किया गया था। पाकिस्तान स्थित चैनल ने लिखा, "भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर हमला करने के लिए रात के अंधेरे में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की लेकिन देश ने दुश्मन के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया।" इसमें कहा गया है कि लाहौर, सियालकोट और सिंध के सीमावर्ती इलाकों पर 6 सितंबर को हमला किया गया और 22 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के हस्तक्षेप करने तक लड़ाई जारी रही।
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