स्पेन का सेन जोस गैलेयन जहाज 1708 में ब्रिटिश नौसेना से मुठभेड़ के दौरान डूब गया था, उसमें टनों सोना चांदी और पन्ने भरे हुए थे, जिनकी आज की कीमत 16 अरब डॉलर आंकी गई है।
Treasure in Ship : कोलंबिया के समुद्र तट से दूर 2015 में एक रोबोटिक ड्रोन अभियान ने समुद्र की गहराई में जो मलबा खोजा था, वो अब इतिहास के सबसे कीमती समुद्री जहाज के तौर पर पहचाना गया है। स्पेन का सेन जोस गैलेयन जहाज 1708 में ब्रिटिश नौसेना से मुठभेड़ के दौरान डूब गया था, उसमें टनों सोना चांदी और पन्ने भरे हुए थे, जिनकी आज की कीमत 16 अरब डॉलर आंकी गई है।
‘संत जोस’ पेरू से खजाना लेकर स्पेन लौट रहा था ताकि 'स्पेनिश उत्तराधिकार युद्ध' में इस धन का इस्तेमाल हो सके। लेकिन रास्ते में ब्रिटिश एडमिरल चार्ल्स वेगर की टुकड़ी ने घेर लिया। लड़ाई के दौरान जहाज का बारूदखाना फट गया और खजाने सहित पूरा जहाज समंदर की तह में समा गया।
हालिया अध्ययन में कोलंबियाई विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि यह मलबा ‘सेन जोस’ का ही है। इसके सबूत हैं 1707 के लीमा मिंट के चांदी के सिक्के, कांगशी दौर की चीनी पोरसलिन और 1665 के तोप जिन पर ऐतिहासिक निशान हैं। यह सब दिखाते हैं कि यह वही जहाज था जो 18वीं सदी के तिएरा फेरमे समुद्री रूट पर चला करता था।
अब असली जंग शुरू हुई है, खजाने पर दावेदारी की। कोलंबिया कहता है कि वो उसके समुद्री क्षेत्र में मिला, इसलिए उसका है। स्पेन का दावा है कि जहाज उसकी संपत्ति थी। पेरू याद दिलाता है कि खजाना उसके खनिकों का श्रम है। वहीं, सी सर्च अर्मांडा नामक कंपनी कहती है कि उसने 1981 में ही इसका पता लगा लिया था, इसलिए उसे हिस्सा चाहिए। मामला अब 10 अरब डॉलर के मुकदमे में बदल चुका है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह खोज सिर्फ धन की नहीं, ऐतिहासिक विरासत की भी है। यह एक दुर्लभ अवसर है, जब हम उपनिवेशकालीन समुद्री व्यापार और मार्गों को गहराई से समझ सकते हैं। लेकिन खजाने की चकाचौंध के बीच, इतिहास, अधिकार और न्याय के सवाल अब सतह पर आ गए हैं।