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BRICS Summit में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मुलाक़ात संभव, LAC विवाद पर हो सकती है बातचीत

BRICS Summit : भारत के पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर हैं, जहां BRICS समिट का आयोजन हो रहा है। इस समिट में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक होगी ?

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Oct 22, 2024
Brics Modi Jinping

BRICS Summit : भारत और चीन के रिश्तों में पिछले कुछ वर्षों से खासकर वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर तनाव रहा है,। हाल ही में, दोनों देशों के बीच सैनिकों को पीछे हटाने और पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए एक नया समझौता हुआ है, जो देपसांग और डेमचोक इलाकों से जुड़ा है। इस समझौते के बाद उम्मीद की जा रही है कि BRICS समिट के दौरान भारत ( India) के प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) और शी जिनपिंग ( Xi Jinping ) के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हो सकती है, जिसमें LAC के मुद्दे पर बातचीत हो। BRICS समिट रूस-यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच हो रही है, जिससे भारत और चीन की मुलाकात और भी अहम हो जाती है। भारत हमेशा से शांति और कूटनीति के जरिए विवादों का समाधान निकालने की वकालत करता रहा है।

रिश्तों में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम

अगर यह बैठक होती है, तो इसमें न केवल LAC पर तनाव कम करने के लिए बातचीत हो सकती है, बल्कि एशिया में स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। सन 2020 से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद ने रिश्तों में खटास ला दी थी, लेकिन अब यह बातचीत दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

बातचीत का सकारात्मक माहौल बनेगा

BRICS समिट में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित मुलाकात निश्चित रूप से भारत-चीन रिश्तों के लिए महत्वपूर्ण होगी। LAC विवाद पर बातचीत का यह अवसर दोनों देशों के लिए तनाव कम करने और बेहतर संबंध स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण मौका हो सकता है। हाल ही में हुए समझौतों से उम्मीद की जा रही है कि बातचीत का एक सकारात्मक माहौल बनेगा।

परिणाम क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर काफी व्यापक

बहरहाल BRICS समिट में भारत और चीन के बीच न केवल सीमा विवाद, बल्कि खासकर वर्तमान वैश्विक संकटों के संदर्भ में क्षेत्रीय स्थिरता पर भी चर्चा हो सकती है। इस मुलाकात से न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो सकता है, बल्कि एशिया में शांति और सहयोग की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकता है। यदि यह बैठक होती है, तो इसके परिणाम क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर काफी व्यापक हो सकते हैं।

Updated on:
22 Oct 2024 01:45 pm
Published on:
22 Oct 2024 01:44 pm
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