विदेश

Trump बता रहे मोदी को दोस्त, उनके मंत्री ने टैरिफ पर फिर दी धमकी, कहा- ‘भारत दो महीने में सॉरी बोलेगा’

Trump Tariff: भारत और अमेरिका के संबंधों में हाल के दिनों में खटास आ गई है। अब ट्रंप प्रशासन में में वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि भारत को तीन शर्तें माननी होगी। वह दो महीनों में सॉरी कहेगा। पढ़ें पूरी खबर...

2 min read
Sep 06, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो- IANS)

Trump Tariff: भारत-अमेरिका के संबंधों में उतार-चढ़ाव जारी है। अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बताया है। ट्रंप ने कहा कि मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। मुझे बस इस समय जो वह कर रहे हैं, वह पसंद नहीं है, लेकिन भारत और अमेरिका के बीच एक विशेष रिश्ता है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।

उन्होंने ANI के सवाल पर कहा कि मुझे इस बात से निराशा हुई है कि भारत रूस से तेल खरीदेगा। मैंने उन्हें बता दिया है कि मैंने भारत पर बहुत ऊंचा टैरिफ़ लगा दिया है - 50%। जैसा कि आप जानते हैं, मेरे भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। वे कुछ महीने पहले यहां आए थे, हम रोज़ गार्डन गए थे। हमने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।

भारत को झुकना होगा

वहीं, दूसरी तरफ ट्रंप प्रशासन में वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भारत को फिर धमकी दी है। उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिकी दवाब के आगे झुकना पड़ेगा। भारत लंबे समय तक अमेरिका को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। लुटनिक ने चेतावनी दी है कि भारत ने अपना रुख नहीं बदला तो उसके निर्यात पर अमेरिका 50 फीसदी तक भारी टैरिफ लगाएगा। उन्होंने कहा कि जवाबी कदम उठाने से छोटी अर्थव्यवस्था को ज्यादा नुकसान होता है।

भारत को माफी मांगनी होगी

लुटनिक ने कहा कि शुरू में बड़े ग्राहक से टकराना अच्छा लगता है, लेकिन अंत में भारतीय कारोबारी वर्ग अमेरिका से समझौता चाहेगा। लुटनिक ने दावा किया कि एक-दो महीने में भारत बातचीत की मेज पर लौटेगा। भारत अमेरिका से माफी मांगेगा और भारत सरकार, ट्रंप प्रशासन के साथ समझौता करने की पहल करेंगे।

भारत को माननी होगी तीन शर्तें

लुटनिक ने कहा कि 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए भारत को तीन शर्तें माननी होंगी। उन्होंने कहा कि भारत को या तो अमेरिका के साथ गठबंधन करना होगा या फिर ब्रिक्स के जरिए रूस और चीन के साथ रिश्ते मजबूत करने का रास्ता चुनना होगा। भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करना होगा। भारत यदि रूस और चीन के बीच पुल बनना चाहता है तो बने, लेकिन अमेरिकी डॉलर और अमेरिका का समर्थन करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत होने के बाद रूसी तेल आयात को 2 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया। उन्होंने वैश्विक प्रतिबंध का फायदा उठाते हुए सस्ते में रूसी तेल खरीदा।

ये भी पढ़ें

ट्रम्प ने अमेरिका-जापान ट्रेड डील पर किया साइन, जानिए कितना घटाया Tariff

Published on:
06 Sept 2025 06:42 am
Also Read
View All

अगली खबर