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ट्रंप के ‘ड्रिल बेबी ड्रिल’ ने जगाई तेल की भूख: पाकिस्तान बना रहा नया द्वीप, 25 कुओं से खंगालेंगे समंदर तल!

Pakistan Artificial Oil Island: डोनाल्ड ट्रंप के 'ड्रिल बेबी ड्रिल' दावे से उत्साहित पाकिस्तान सिंध तट पर कृत्रिम द्वीप बना रहा है, जहां फरवरी 2026 से 25 कुओं की ड्रिलिंग शुरू होगी।

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Nov 20, 2025
पाकिस्तान कृत्रिम तेल द्वीप बना रहा है। (फोटो:X Handle/ Mario Nawfal.)

Pakistan Artificial Oil Island : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Trump Oil Reserves Pakistan) ने पिछले दिनों ट्वीट किया था कि पाकिस्तान के नीचे “दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार” छिपे हुए हैं। बस इतना सुनते ही पाकिस्तान में तेल की भूख जाग गई। अब वहाँ की सरकार और कंपनियाँ समुद्र के बीच में एक नकली द्वीप (Pakistan Artificial Island) बना रही हैं, ताकि बिना रुके ड्रिलिंग की जा सके। यह द्वीप सिंध के तट से करीब 30 किलोमीटर दूर बनेगा (Offshore Drilling Sindh) और ऊँचा होगा, ताकि तेज़ लहरें भी काम न रोक सकें। यह पाकिस्तान का पहला ऐसा कृत्रिम द्वीप (Fake Island Energy Boost) है। इसका आइडिया अबू धाबी से चुराया गया है, जहाँ ऐसे द्वीप बरसों से सफल चल रहे हैं।

अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप का ट्वीट।

अगले साल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी (PPL Oil Exploration)

पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड (PPL) के अफसर अरशद पलेकर के अनुसार यह द्वीप फरवरी 2026 तक तैयार हो जाएगा और उसी साल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी। इसके तहत एक ही जगह से 25 नए कुएँ खोदने का प्लान है। दिन-रात मशीनें चलेंगी, मौसम का बहाना नहीं चलेगा।

कुछ कंपनियाँ तुर्की की TPAO के साथ मिल कर काम कर रही हैं

गौरतलब है कि पिछले महीने ही पाकिस्तान ने 20 साल बाद पहली बार समुद्र में तेल-गैस की नई बोली निकाली थी। इसमें 40 में से 23 ब्लॉक चार कंपनियों को दे दिए गए थे, जिनमें PPL, मारी एनर्जी और प्राइम इंटरनेशनल जैसी पाकिस्तानी कंपनियाँ शामिल हैं, तो कुछ कंपनियाँ तुर्की की TPAO के साथ मिल कर काम कर रही हैं। कुल मिला कर वहां 53 हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा एरिया कवर होगा। अगले कुछ बरसों में सिर्फ ड्रिलिंग पर ही 750 मिलियन से 1 बिलियन डॉलर तक खर्च होने का अनुमान है।

हाल ही में खरोचान में एक नया तेल कुआँ मिला था

हाल ही में सिंध के खरोचान में एक नया तेल कुआँ मिला था, जिसने सबका जोश दुगुना कर दिया था। लेकिन पुराने अफसर चेतावनी दे रहे हैं – 50 बरसों में जितनी भी ड्रिलिंग हुई,उससे बड़ा तेल कुआँ तो नहीं मिला। सन 2019 में एक्सॉनमोबिल और एनआई ने 100 मिलियन डॉलर फूँक दिए, बदले में सिर्फ समुद्री पानी हाथ लगा। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे इलाकों में तो आतंकवाद का खतरा अलग से है। फिर भी सरकार का दावा है कि समुद्र के नीचे अरबों बैरल तेल है।

अफ्रीका से लेकर तक हर जगह तेल की होड़ मची

ट्रंप का नारा सिर्फ अमेरिका तक नहीं रुका। अफ्रीका से लेकर पाकिस्तान तक हर जगह तेल की होड़ मच गई है। अगर पाकिस्तान को सचमुच बड़ा तेल मिल गया तो उसकी विदेशी कर्ज की कमर सीधी हो सकती है। लेकिन पर्यावरणवाले चिल्ला रहे हैं – जलवायु बदलाव के ज़माने में नया तेल ढूँढना पागलपन है।

'ट्रंप ने कहा तो मान लिया, अब फिर पानी ही निकलेगा'

इधर सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी लिख रहे हैं – “ट्रंप भाई धन्यवाद, तेल निकला तो गरीबी भागेगी!” वहीं कुछ तंज कस रहे हैं – “ट्रंप ने कहा तो मान लिया, अब फिर पानी ही निकलेगा।” #PakistanOilIsland ट्रेंड कर रहा है।

अगर काला सोना मिला तो पाकिस्तान की किस्मत बदल जाएगी

बहरहाल अब सबकी नज़र फरवरी 2026 पर टिकी हुई है। अब एक नया द्वीप तैयार होगा, उसके बाद 25 कुएँ खोदे जाएँगे। अगर काला सोना मिला तो पाकिस्तान की किस्मत बदल जाएगी। वरना फिर एक और महँगा सपना टूट जाएगा।

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