Trump Afghanistan-Pakistan Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष को सुलझा सकते हैं।
Trump Afghanistan-Pakistan Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे सीमा विवाद (Trump Afghanistan-Pakistan Conflict) को सुलझा सकते हैं। मिस्र रवाना होने से पहले ट्रंप ने मीडिया से कहा, "मैंने कई युद्ध खत्म किए हैं, और अब पाकिस्तान-अफगानिस्तान का युद्ध (Pakistan-Afghanistan War) मेरी नजर में है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि वह युद्ध सुलझाने में माहिर हैं और इस संघर्ष को जल्द खत्म कर सकते हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा पर गोलीबारी और बमबारी की घटनाएं आम हो गई हैं। इस बीच, ट्रंप का यह बयान (Trump Diplomacy) वैश्विक मंच पर चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा, "मैंने कई देशों के बीच सालों से चल रहे युद्धों को एक दिन में सुलझाया है।" ट्रंप ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया और कहा कि भारत-पाकिस्तान जैसे लंबे विवादों को भी वह जल्द निपटा सकते हैं।
ट्रंप ने अपने बयान में कई अन्य अंतरराष्ट्रीय विवादों का भी उल्लेख किया। उन्होंने दावा किया कि आर्मेनिया-अजरबैजान, कोसोवो-सर्बिया, इजरायल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया और रवांडा-कांगो जैसे संघर्ष उनके नेतृत्व में सुलझाए गए हैं। हालांकि, इन दावों की सत्यता पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इनमें से कई विवाद अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं।
वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को हाल ही में मिले नोबेल शांति पुरस्कार पर भी ट्रंप ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "मैंने यह सब शांति और लोगों की जान बचाने के लिए किया, न कि पुरस्कार के लिए।" ट्रंप ने यह भी दावा किया कि मारिया ने उन्हें फोन कर कहा कि यह पुरस्कार उनके सम्मान में स्वीकार किया गया है।
ट्रंप का यह बयान दक्षिण एशिया की राजनीति पर भी असर डाल सकता है। भारत, जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान का पड़ोसी है, इस स्थिति पर नजर रखे हुए है। ट्रंप की कूटनीति अगर सफल रही, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस जटिल विवाद को सुलझाना इतना आसान नहीं होगा।
बहरहाल क्या ट्रंप वाकई इस युद्ध को खत्म कर पाएंगे ? उनकी रणनीति और क्षेत्रीय देशों की भूमिका इस मामले में अहम होगी। फिलहाल, वैश्विक समुदाय ट्रंप के अगले कदम का इंतजार कर रहा है। इस बयान ने न केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान, बल्कि भारत जैसे देशों में भी चर्चा को जन्म दिया है। (IANS)