TTP Attack on Pakistani Army: खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में TTP ने पाकिस्तानी सेना पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें 11 सैनिक शहीद हुए।
अफगान सीमा के करीब स्थित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में मंगलवार को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के चरमपंथियों ने पाकिस्तानी अर्धसैनिक बलों के काफिले पर घात लगाकर हमला बोल दिया। इस हमले में दो अधिकारियों समेत कुल 11 सैनिक शहीद हो गए। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते आतंकी हमलों की एक और कड़ी है, जिसने पाकिस्तानी सेना के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमला कुर्रम जिले के एक सड़क मार्ग पर हुआ, जहां अर्धसैनिक बलों (फ्रंटियर कोर) का काफिला रूटीन गश्त पर था। चरमपंथियों ने पहले सड़क किनारे बिछाए गए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से विस्फोट किया, जिसके बाद भारी गोलीबारी की। हमलावरों की संख्या 20 से अधिक बताई जा रही है, जो जंगलों में छिपे हुए थे। इस हमले में दो लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर सहित वरिष्ठ अधिकारी भी शहीद हुए। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां स्थिति गंभीर बनी हुई है।
TTP ने सोमवार शाम को जारी एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली। संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला "पाकिस्तानी सेना की अफगानिस्तान में तालिबान विरोधी कार्रवाइयों" का जवाब है। TTP ने दावा किया कि हमले में कई हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिया गया। पाकिस्तानी सेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, जवाबी कार्रवाई के तहत हेलीकॉप्टरों से इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
यह हमला तब हुआ है जब पाकिस्तान में TTP की गतिविधियां तेज हो रही हैं। 2025 में अब तक 300 से अधिक सुरक्षा कर्मियों की जान जा चुकी है, ज्यादातर अफगान सीमा के आसपास। विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद TTP को नई हवा मिली है, और संगठन अब सीमा पार से संचालित हो रहा है। जनवरी से सितंबर तक खैबर पख्तूनख्वा में हमलों में 93 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि हमले के बाद इलाके में तनाव व्याप्त है, और बाजार बंद हो गए हैं। मानवाधिकार संगठनों ने दोनों पक्षों से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। पाकिस्तानी सरकार ने पहले ही TTP को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है, और संयुक्त राष्ट्र भी इसे अल-कायदा से जुड़ा मानता है।
यह घटना पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों पर भी असर डाल सकती है, जहां पहले से ही सीमा विवाद और आतंकी घुसपैठ के आरोप लग रहे हैं। सेना ने पिछले महीनों में कई ऑपरेशन चलाए हैं, लेकिन TTP की चुनौती बरकरार है।