
अरुणाचल प्रदेश। (सांकेतिक फोटो: AI)
Arunachal Detention: एक भारतीय ट्रैवल व्लॉगर को हाल ही में चीन (Indian Vlogger China) में उसकी सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह व्यक्ति करीब 15 घंटे चीनी अधिकारियों की हिरासत (Arunachal Detention) में रहा। वजह थी अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh Dispute)को भारत का हिस्सा बताने वाली उसकी एक पुरानी टिप्पणी। यह घटना भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद (India China Border) को एक बार फिर सुर्खियों में ला रही है। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी डिटेल।
यह भारतीय अनंत मित्तल है, जो सोशल मीडिया पर 'ऑन रोड इंडियन' नाम से मशहूर हैं। अनंत एक ट्रैवल व्लॉगर हैं और चीन की यात्रा पर थे। उन्होंने नवंबर 2025 में एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश की एक महिला के चीन में हिरासत मामले पर अपनी भावनाएं जाहिर कीं। उन्होंने साफ कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। चीन पहुंचते ही अधिकारियों ने उनकी पुरानी पोस्ट्स चेक कीं और इसी कमेंट को आधार बना कर उन्हें हिरासत में ले लिया। अनंत ने अपने इंस्टाग्राम रील और यूट्यूब वीडियो में बताया कि उन्हें करीब 15 घंटे तक रोका गया। इस दौरान खाना-पानी तक मुश्किल से मिला। वे बहुत डरे हुए थे और बोले, "हम बहुत छोटे लोग हैं, हमारी कोई औकात नहीं।" बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन यह अनुभव उनके लिए डरावना रहा।
अनंत का कमेंट सीधा और स्पष्ट था। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताया और चीन के दावों का विरोध किया था। यह पोस्ट उस समय की थी, जब अरुणाचल की एक महिला को शंघाई एयरपोर्ट पर पासपोर्ट में जन्मस्थान अरुणाचल लिखा होने की वजह से रोका गया था। अनंत ने उत्तर-पूर्व भारत से अपनी जुड़ाव की बात कही, क्योंकि उन्होंने वहां तीन साल पढ़ाई की है। उनका कहना था कि अरुणाचल पर चीन का दावा गलत है। इसी टिप्पणी को चीनी अधिकारियों ने संवेदनशील माना और कार्रवाई की।
भारत और चीन के बीच रिश्ते लंबे समय से उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। साल 2020 के गलवान संघर्ष के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया था, लेकिन हाल के वर्षों में दोनों देशों ने सीमा पर शांति बहाल करने की कोशिशें की हैं। उच्च स्तर की बातचीत और समझौते हुए हैं। फिर भी, अरुणाचल जैसे मुद्दों पर पुराना विवाद बार-बार सामने आ जाता है। यह घटना दिखाती है कि दोनों देशों के बीच विश्वास अभी पूरी तरह नहीं बना है। भारत हमेशा कहता है कि सीमा पर शांति दोनों के रिश्तों के लिए जरूरी है।
भारत और चीन की सीमा लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी है, जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) कहा जाता है। यह सीमा पूरी तरह निर्धारित नहीं है, इसलिए दोनों पक्ष अलग-अलग जगहों पर दावा करते हैं। मुख्य विवाद लद्दाख में अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश पर है। साल 1962 के युद्ध के बाद से यह तनाव बना हुआ है। हाल के वर्षों में सैन्य टकराव और बुनियादी ढांचे का निर्माण दोनों तरफ से बढ़ा है। दोनों देश बातचीत से समाधान ढूंढ रहे हैं, लेकिन पूरी सहमति नहीं बनी।
चीन पूरे अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता है और इसे 'ज़ंगनान' या दक्षिणी तिब्बत कहता है। उनका दावा है कि यह तिब्बत का हिस्सा है। वहीं भारत कहता है कि अरुणाचल उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। 1914 के शिमला समझौते में मैकमोहन रेखा को सीमा माना गया, जिसे भारत स्वीकार करता है, लेकिन चीन नहीं। चीन समय-समय पर अरुणाचल के जगहों के नाम बदलता रहता है, जिसे भारत खारिज करता है। हाल की घटनाओं में भी चीन ने अरुणाचल पर दावा दोहराया है।
इस घटना पर सोशल मीडिया में लोग अनंत का समर्थन कर रहे हैं। कई यूजर्स ने कहा कि अरुणाचल पर बोलना गलत नहीं, बल्कि चीन की हिरासत गलत है। कुछ ने अनंत की हिम्मत की तारीफ की, तो कुछ ने चीन की नीतियों की आलोचना की। लोग कह रहे हैं कि भारत को ऐसे मामलों में मजबूत कदम उठाना चाहिए।
यह मामला भारत सरकार के संज्ञान में है। विदेश मंत्रालय पहले भी अरुणाचल से संबंधित घटनाओं पर चीन को कड़ा जवाब दे चुका है। संभव है कि इस पर भी कूटनीतिक स्तर पर बात हो। यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि चीन की यात्रा करते समय सावधानी बरतें।
वैसे, यह घटना सिर्फ एक व्लॉगर की नहीं, बल्कि बड़े सीमा विवाद की याद दिलाती है। चीन अपनी संवेदनशीलता थोपने की कोशिश करता है, जबकि भारत अपनी संप्रभुता पर अडिग है। ऐसे मामले दोनों देशों के रिश्तों में विश्वास की कमी दिखाते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि बातचीत जारी रखनी चाहिए, लेकिन भारत को अपनी स्थिति मजबूत रखनी होगी।
Updated on:
24 Dec 2025 02:47 pm
Published on:
24 Dec 2025 02:46 pm
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