Russia Trump 2016 Election Controversy: तुलसी गबार्ड ने 2016 के चुनाव में रूस के ट्रंप को समर्थन देने के दावों को खारिज किया है। उन्होंने पुराने ईमेल और गुप्त रिपोर्टों का हवाला देते हुए खुफिया निष्कर्षों पर सवाल उठाए हैं।
Russia Trump 2016 Election Controversy: अमेरिकी राजनीतिज्ञ, सैन्य अधिकारी और राष्ट्रीय खुफिया विभाग (DNI) की आठवीं निदेशक तुलसी गबार्ड ने ओबामा (Obama emails 2016 election) अधिकारियों के हाल ही में सार्वजनिक किए गए ईमेल और पांच साल पुरानी गोपनीय हाउस रिपोर्ट का हवाला देते हुए खुफिया समुदाय के इस निष्कर्ष को खारिज करने की कोशिश की कि पुतिन, ट्रंप (Trump election controversy 2016) को बढ़ावा देना चाहते थे। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने इस महीने उस सामग्री को सार्वजनिक किया, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि यह 2016 में ओबामा प्रशासन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत की वैधता पर संदेह पैदा करने के लिए अमेरिकी खुफिया जानकारी का राजनीतिकरण करने की एक राजद्रोहपूर्ण साजिश(Russia 2016 election interference) साबित हुई थी।
गबार्ड ने साक्ष्य के रूप में ओबामा अधिकारियों के हाल ही में सार्वजनिक किए गए ईमेल और पांच साल पुरानी गोपनीय हाउस रिपोर्ट का हवाला दिया, ताकि खुफिया समुदाय के इस निष्कर्ष को कमजोर किया जा सके कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ट्रंप को बढ़ावा देना चाहते थे और उनकी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को बदनाम करना चाहते थे।
सन 2016 के चुनाव के दौरान रूस की गतिविधियां हाल के इतिहास की सबसे ज़्यादा जांची जाने वाली घटनाओं में से एक हैं। क्रेमलिन के अभियान और उसके बाद अमेरिकी सरकार की प्रतिक्रिया पर रिपब्लिकन नेतृत्व वाली हाउस और सीनेट की खुफिया समिति, न्याय विभाग के दो विशेष सलाहकारों और विभाग के महानिरीक्षक की ओर से कम से कम पाँच प्रमुख जाँचें की गईं।
उन जांचों ने या तो यह निष्कर्ष निकाला या इस निष्कर्ष को स्वीकार किया कि रूस ने सोशल मीडिया और हैक की गई सामग्री के उपयोग के माध्यम से चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए अभियान चलाया था।
ट्रंप के सहयोगियों की ओर से की गई हाउस-नेतृत्व वाली जाँच में भी इस बात पर सहमति जताई गई कि रूस ने चुनाव में हस्तक्षेप अभियान चलाया था, लेकिन कहा गया कि इसका उद्देश्य ट्रंप को बढ़ावा देने के बजाय अमेरिका में अराजकता फैलाना था। कई रिपोर्ट्स में ओबामा प्रशासन के अधिकारियों, खासकर एफबीआई के अधिकारियों की कार्रवाइयों की आलोचना की गई है, लेकिन इस बुनियादी निष्कर्ष पर कोई विवाद नहीं है कि मास्को ने चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी।