Syria conflict: इस्लामी देश सीरिया में रमज़ान के महीने में क़त्लेआम मचा हुआ है और अलावियों का हाल बुरा है। इस पर संयुक्त अरब अमीरात ने गुस्से का इज़हार किया है।
Syria conflict: सीरिया में हाल ही में क़त्लेआम (massacre) से हाहाकार मच गया है। सुरक्षा बलों पर हुए हमले के बाद हालात बहुत नाजुक हो गए हैं। यूएई (UAE) ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए, सीरिया (Syria)की स्थिरता और संप्रभुता का समर्थन किया है। यूएई के विदेश मंत्रालय ने इस हमले को “अत्यंत घातक” करार दिया और सीरिया के नागरिकों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की। मंत्रालय ने यह भी कहा कि वे सीरिया के क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। ऐसे में यूएई ने इस संकट के समाधान के लिए एक शांतिपूर्ण और समावेशी प्रक्रिया की आवश्यकता पर जोर दिया है, जो सीरिया की सुरक्षा और जनता के अधिकारों की रक्षा कर सके।
ध्यान रहे कि गुरुवार को जबलेह और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हुए इस हमले में सीरियाई सेना के 11 सैनिक मारे गए थे। हमले का बशर अल-असद के समर्थक सुरक्षा बलों पर आरोप लगाया गया है, जो सीरिया के विभिन्न हिस्सों में एकजुट होकर इस हमले का विरोध कर रहे थे। इस संघर्ष के बीच, अपदस्थ शासन बलों के कमांडर गयास डेले ने एक सैन्य परिषद बनाने का ऐलान किया है, जो शासन को उखाड़ फेंकने का दावा कर रही है।
सीरिया के लिए इन हालात से एक नया संकट पैदा हो गया है, क्योंकि राष्ट्रपति बशर अल-असद के रूस भागने और बाथ पार्टी के शासन का अंत होने के बाद से देश में स्थिरता के प्रयासों में रुकावट आ रही है। गौरतलब है कि 29 जनवरी को संक्रमण काल के लिए नए राष्ट्रपति की घोषणा हुई थी, लेकिन देश की राजनीति अभी भी अस्थिर है और लगातार संघर्ष जारी है।
सीरिया में जारी संघर्ष ने एक बार फिर भीषण मानवीय संकट को जन्म दिया है। वर्षों से चल रहे गृह युद्ध और सत्ता संघर्ष ने लाखों लोगों की जान ली है, और अब सीरिया के विभिन्न हिस्सों में कत्लेआम की स्थितियां उत्पन्न हो गई हैं। हाल ही में, बशर अल-असद के शासन समर्थकों द्वारा किए गए हमले और उनके खिलाफ जारी विद्रोह ने स्थिति को और भी विकट बना दिया है।
जबलेह और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बलों पर हुए हमले में कई लोग मारे गए हैं, जिसमें सीरियाई सेना के 11 सैनिक भी शामिल हैं। इस हमले के कारण पूरे क्षेत्र में अराजकता और भय का माहौल है। विद्रोहियों और सरकारी बलों के बीच हिंसा की घटनाएं रोज़मर्रा का हिस्सा बन चुकी हैं, और इन संघर्षों के कारण नागरिकों की हालत बद से बदतर हो गई है।
इस संघर्ष में आम लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। घातक हमलों, बमबारी और सैन्य कार्रवाई के कारण लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। कई इलाकों में खाद्य और चिकित्सा सामग्री की भारी कमी है, और मानवीय संकट ने एक भयावह रूप ले लिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से किए गए प्रयासों के बावजूद, सीरिया में शांति की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।