
नोबेल पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचाडो। ( फोटो : ANI)
\Maria Corina Machado Nobel Prize: इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ओस्लो में आयोजित पुरस्कार समारोह (Nobel Peace Prize ceremony) में शामिल नहीं हो सकीं। इस समारोह में उनकी जगह उनकी बेटी एना कोरिना सोसा मचाडो (Maria Corina Machado daughter)ने उनका भाषण दिया और पुरस्कार ग्रहण किया। आयोजकों ने पुष्टि की कि मचाडो ओस्लो नहीं पहुंच पाईं, और इस स्थिति में उनकी बेटी को पुरस्कार की जिम्मेदारी सौंपी गई। ध्यान रहे कि मारिया कोरिना मचाडो (Maria Corina Machado Nobel Prize) पिछले एक साल से वेनेजुएला की सरकार (Venezuela political crisis) से बचते हुए छिप कर रह रही हैं।
राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार के साथ उनके बढ़ते टकराव के कारण उनकी यात्रा पर कई तरह की अनिश्चितताएं बनी हुई थीं। वेनेजुएला के अटॉर्नी जनरल ने चेतावनी दी थी कि अगर मचाडो विदेश यात्रा करने की कोशिश करेंगी तो उन्हें "भगोड़ा" घोषित कर दिया जाएगा। इससे पहले मचाडो ने यह दावा किया था कि वेनेजुएला में हुए चुनावों में मादुरो सरकार ने धांधली करने की साजिश रची है। कई विदेशी सरकारों ने इस दावे का समर्थन किया था।
नोबेल पुरस्कार समारोह के आयोजकों ने कहा कि मचाडो के ठिकाने के बारे में उन्हें साफ तौर पर कोई जानकारी नहीं थी। नोबेल समिति के सचिव क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने इस बारे में कहा, “हमने सुना था कि मचाडो ओस्लो तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन वह समय पर यहां नहीं पहुंच पाईं। हमें खुशी है कि हम जल्द ही उन्हें यहां देख सकेंगे।” हालांकि, इस पुरस्कार समारोह के दौरान मचाडो के परिवार के कुछ सदस्य जैसे अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई भी ओस्लो में मौजूद थे।
मारिया कोरिना मचाडो लंबे समय से मादुरो सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किए हुए हैं और उनका मानना है कि 2024 के चुनाव में सरकार ने धांधली की है। उनके इस दावे को विदेशों में भी बहुत समर्थन मिल चुका है। मचाडो के इस संघर्ष पर वेनेजुएला में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच, मादुरो का दावा है कि अमेरिकी सैन्य गतिविधियां और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के नाम पर उनका विरोध किया जा रहा है, जबकि मचाडो ने इस दावे को नकार दिया है और उसे अमेरिकी सत्ता हस्तक्षेप का हिस्सा बताया है।
मारिया कोरिना मचाडो का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाना, वेनेजुएला के राजनीतिक संघर्ष में उनकी जीत दर्शाता है। उनके संघर्ष ने न केवल वेनेजुएला, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महिलाओं और लोकतंत्र समर्थक नेताओं को प्रेरित करने का काम किया है। मचाडो की ओर से वेनेजुएला में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना की कोशिशें और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष ने उन्हें एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आवाज बना दिया है।
बहरहाल, नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर इस बार एक नया राजनीतिक नजरिया सामने आया है। मचाडो की अनुपस्थिति ने न केवल वेनेजुएला के राजनीतिक परिदृश्य उजागर किया, बल्कि यह भी साबित किया कि दुनिया के कई देशों में लोकतंत्र और स्वतंत्रता की लड़ाई अब भी जारी है। मचाडो के संघर्ष को सम्मान मिलना यह बताता है कि भले ही वह व्यक्तिगत रूप से वहां उपस्थित न हो सकी हों, लेकिन वैश्विक समुदाय ने उनका संघर्ष और उनकी आवाज़ को सुना है। यह पुरस्कार उनके उसी योगदान की वैश्विक गूंज है।
Updated on:
10 Dec 2025 08:01 pm
Published on:
10 Dec 2025 07:43 pm
