Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के विषय में हाल ही में अमेरिका ने एक बड़ा दावा किया है। क्या है अमेरिका का दावा? आइए जानते हैं।
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुआ युद्ध 2 साल से भी ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी चल रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के आदेश पर रूस की सेना ने यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ दी थी क्योंकि पुतिन का इरादा यूक्रेन पर कब्ज़ा करना था। हालांकि अभी तक पुतिन को अपने इरादे में कामयाबी नहीं मिली है। रूस ने यूक्रेन के छोटे से हिस्से पर तो कब्ज़ा किया है, पर पूरी तरह नहीं। हालांकि इस युद्ध की वजह से यूक्रेन में जान-माल के नुकसान के साथ ही कई शहरों में भारी तबाही भी मच चुकी है। पर इंटरनेशनल सपोर्ट की वजह से यूक्रेन की सेना भी डटकर रूस की सेना का सामना कर रही है और अपने देश के कई हिस्सों से उनके कब्ज़े को हटा भी चुकी है। इससे रूस की सेना को भी काफी नुकसान हुआ है, लेकिन अभी भी युद्ध जारी है। इसी बीच अमेरिका (United States Of America) ने एक बड़ा दावा किया है।
यूक्रेन में रूस की मदद के लिए नॉर्थ कोरिया भेजेगा सेना
अमेरिका की डिफेंस एजेंसी पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी जनरल पैट राइडर (Pat Ryder) ने हाल ही में दावा करते हुए कहा है कि नॉर्थ कोरिया (North Korea) रूस की मदद करने के लिए यूक्रेन में अपनी सेना भेजेगा। हालांकि ऐसा होगा या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हुई है, पर राइडर के दावे के अनुसार ऐसा होगा।
पुतिन के दौरे का असर
पुतिन कुछ दिन पहले ही नॉर्थ कोरिया के दो दिवसीय दौरे पर गए थे। किम जोंग उन (Kim Jong Un) के आमंत्रण पर ही पुतिन नॉर्थ कोरिया गए थे। पुतिन और किम अच्छे दोस्त हैं और पिछले साल किम ने भी रूस का दौरा किया था। पुतिन का यह नॉर्थ कोरिया दौरा 24 साल में पहला मौका था जब पुतिन नॉर्थ कोरिया गए थे। इससे पहले पुतिन साल 2000 में नॉर्थ कोरिया गए थे। नॉर्थ कोरिया में पुतिन का जोरदार स्वागत हुआ। पुतिन का यह दौरा काफी अहम था क्योंकि इस दौरे के दौरान उनकी और किम के बीच कई अहम विषयों पर बातचीत हुई। रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच हथियारों की डील भी हुई। पुतिन ने यह साफ कर दिया कि वह नॉर्थ कोरिया को लॉन्ग रेंज वाली मिसाइलें देंगे। इतना ही नहीं, पुतिन और किम ने एक-दूसरे से इस बात का वादा भी किया कि दोनों देश एक-दूसरे को ज़रूरत पड़ने पर या हमले की स्थिति में हथियारों की सप्लाई करेंगे। ऐसे में यह संभव है कि दोनों के बीच ज़रूरत पड़ने पर सेना भेजने से जुडी बात भी हुई होगी। अगर नॉर्थ कोरिया की सेना यूक्रेन जाती है, तो इससे युद्ध में रूस की काफी मदद मिलेगी। अमेरिका इससे चिंतित भी है।
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