अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ व्यापारिक तनाव बढ़ाते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक रद्द करने की धमकी दी है। ट्रंप ने चीन पर दुर्लभ पृथ्वी तत्वों पर निर्यात नियंत्रण बढ़ाने का आरोप लगाया और कहा कि वह चीन पर भारी टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक रद्द करने की धमकी दे डाली है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि चीन के व्यापारिक व्यवहार दुश्मनों जैसे हैं।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि चीन ने दुर्लभ पृथ्वी तत्वों पर निर्यात नियंत्रण बढ़ाया है, जो एक अत्यंत आक्रामक रुख है। उन्होंने कहा कि वह चीन पर अब भारी टैरिफ लगाएंगे।
इसके साथ ही, ट्रंप ने 1 नवंबर से चीनी उत्पादों पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने और महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लगाने की घोषणा कर दी है। इस फैसले से दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को बढ़ने की उम्मीद है।
इस बीच, एक अमेरिकी प्रतिनिधि अमी बेरा ने ट्रंप को चीन के साथ उलझने से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि शुल्क युद्ध अंततः अमेरिकी उपभोक्ताओं को ही नुकसान पहुंचाएगा।
कैलिफोर्निया के भारत-अमेरिकी डेमोक्रेट सांसद ने कहा कि मुझे लगता है कि व्यापार और शुल्क युद्ध एक अच्छा विचार नहीं है। यह निश्चित रूप से अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाएगा।
बेरा ने कहा कि राष्ट्रपति के लिए शी जिनपिंग से मिलना अच्छा होगा, कोशिश यह किया जाना चाहिए कि व्यापार युद्ध से बचा जा सके। हमें प्रतिशोध जैसी स्थिति में नहीं पड़ना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि इससे कोई फायदा होगा।
बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में चीन ने अमेरिकी जहाजों पर अतिरिक्त बंदरगाह शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो 14 अक्टूबर से लागू होगा।
चीन का यह कदम अमेरिका द्वारा चीनी जहाजों पर शुल्क लगाने के जवाब में था। अमेरिका ने भी चीनी जहाजों पर प्रति टन 80 डॉलर का शुल्क लगाया है।
इसपर ट्रंप बौखला गए हैं। व्हाइट हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रंप ने हमारे पास हवाई जहाज हैं। हमारे पास हवाई जहाज के पुर्जे हैं। हम बस हैरान हैं। राष्ट्रपति शी के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं और उन्होंने ऐसा किया।
ट्रंप ने आगे कहा कि अभी मैंने ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे उन्हें उकसाया लगे। यह जिनपिंग द्वारा उठाये गए कदम का जवाब था।
उन्होंने वास्तव में हमें निशाना नहीं बनाया। उन्होंने पूरी दुनिया पर निशाना बनाया। उनके पास बहुत सारे बोइंग विमान हैं और उन्हें पुर्जों व ऐसी ही कई चीजों की जरूरत है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ट्रंप ने घोषणा की थी कि वह 28 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दक्षिण कोरिया में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। जिसे फिलहाल उन्होंने खारिज कर दिया है।