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अमेरिका जाने के लिए नई शर्त! इन 42 देशों के नागरिकों को बतानी होगी 5 साल की सोशल मीडिया हिस्ट्री

अमेरिका जाने की इच्छा रखने वाले 42 देशों के लोगों के लिए जल्द ही एक नया नियम लागू हो सकता है। क्या है यह नियम? आइए जानते हैं।

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Dec 11, 2025
Visitors in USA (Photo - Washington Post)

अमेरिका (United States of America) जाने वाले लोगों के लिए जल्द ही एक नई शर्त बन सकती है। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने हाल ही में एक नया प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें वीज़ा वेवर प्रोग्राम (Visa Waiver Program) के तहत आने वाले देशों के पर्यटकों को अमेरिका में प्रवेश के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फॉर ट्रैवल अथॉराइजेशन (ईएसटीए) आवेदन में पिछले 5 साल की सोशल मीडिया हिस्ट्री अनिवार्य रूप से देनी होगी।

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क्या है प्रस्ताव की वजह?

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के इस प्रस्ताव की वजह राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करना है। लोगों की सोशल मीडिया हिस्ट्री से यह पता लगाया जा सकता है कि क्या वह व्यक्ति अमेरिका के लिए खतरा साबित हो सकता है या नहीं। प्रस्ताव फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित हो चुका है और सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए 9 फरवरी 2026 तक का समय दिया गया है। अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा विभाग का कहना है कि इससे स्क्रीनिंग प्रक्रिया मज़बूत होगी।

कौनसी डिटेल्स करनी होंगी शेयर?

आवेदकों को पिछले 5 साल के सोशल मीडिया अकाउंट्स, 5 साल के फोन नंबर, 10 साल के ईमेल एड्रेस, आईपी एड्रेस, बायोमेट्रिक डेटा (चेहरा और फिंगरप्रिंट) और निकटतम परिवार (पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता) की जन्म तिथि, जन्मस्थान, निवास और फोन नंबर शेयर करने होंगे। इसके अलावा, मोबाइल ऐप से सेल्फी शेयर करना भी अनिवार्य होगा। सोशल मीडिया अब वैकल्पिक नहीं रहेगा, इसे अनदेखा करने पर आवेदन अस्वीकृत हो सकता है।

किन देशों पर पड़ेगा प्रभाव?

अगर अमेरिका में यह नियम लागू हुआ, तो इसका प्रभाव उन 42 देशों के यात्रियों पर पड़ेगा जो अमेरिकी वीज़ा वेवर प्रोग्राम में शामिल हैं। इन देशों में अंडोरा, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रुनेई, चिली, क्रोएशिया, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, जापान, लातविया, लिक्टेनस्टीन, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, माल्टा, मोनाको, नीदरलैंड्स, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, कतर, सैन मारिनो, सिंगापुर, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, साउथ कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, ताइवान, यूके, इज़राइल और हॉन्गकॉन्ग शामिल हैं।

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